शहीद तेलंगा खड़ियां के वंशज गोवा के होटल में काम करने को मजबूर, अन्य युवक-युवतियां भी पलायन करने को विवश

jharkhand news: शहीद तेलंगा खड़िया के गांव में विकास के साथ-साथ रोजगार के कोई साधन नहीं है. इससे क्षुब्ध होकर शहीद के 8 वंशज समेत अन्य ग्रामीण पलायन करने को मजबूर हुए हैं. शहीद के वंशज गोवा के होटल समेत कपड़ा दुकान और पत्थर तोड़ने के काम में लगे हैं.

By Prabhat Khabar Print Desk | December 21, 2021 6:53 PM

Jharkhand news: अंग्रेजों से लड़ने और जमींदारी प्रथा के खिलाफ आवाज उठाने वाले वीर शहीद तेलंगा खड़िया के वंशज गरीबी व बेरोजगारी में दूसरे राज्य पलायन कर रहे हैं. अभी एक माह पहले शहीद के 8 वंशज काम करने के लिए गोवा चले गये हैं. ये लोग गोवा में होटल में वेटर, कपड़ा दुकान और पत्थर तोड़ने का काम कर रहे हैं. शहीद के गांव के अन्य दो दर्जन से अधिक युवक-युवतियां भी पलायन किये हैं.

गुमला से 25 किमी दूर सिसई प्रखंड के नागफेनी घाघरा गांव में शहीद तेलंगा खड़िया के 16 परिवार रहते हैं. इस गांव में रोजगार का कोई साधन नहीं है. विकास के काम नहीं हो रहा है. गरीबी में लोग जी रहे हैं. घर का कोई सदस्य बीमार होने पर इलाज कराने के लिए खेती योग्य जमीन गिरवी रखनी पड़ती है. इसलिए शहीद के वंशज पैसा कमाने के लिए गोवा चले गये. अधिकांश युवक-युवतियां पढ़ने-लिखने वाले हैं. कॉलेज की पढ़ाई छोड़कर मजदूरी करने गोवा चले गये.

गिरवी मुक्त कराना है जमीन

शहीद तेलंगा खड़िया के परपोता का नाम जोगिया खड़िया है. जोगिया के पुत्र विकास खड़िया की पढ़ाई के लिए सरकार मदद नहीं की. विकास गुमला शहर के एसएस बालक हाई स्कूल में इंटर 11वीं कला संकाय में पढ़ता है. कुछ माह पहले मां पुनी देवी बीमार हो गयी थी. उसके इलाज में 65 हजार रुपये खर्च हुआ. पैसा नहीं था. डेढ़ एकड़ जमीन गिरवी रखी. अब गिरवी रखे जमीन को मुक्त कराने के लिए विकास पढ़ाई लिखाई छोड़कर गोवा में मजदूरी करने गया है.

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ये लोग किये पलायन

शहीद के वंशजों में विकास खड़िया (18 वर्ष), घुरना खड़िया (25 वर्ष), मुन्ना खड़िया (18 वर्ष), बिरसा खड़िया (30 वर्ष), चामा खड़िया (37 वर्ष), तेलंगा खड़िया (22 वर्ष), गंगाराम खड़िया (28 वर्ष) और पूनम कुमारी (20 वर्ष) ने पलायन किया है. इनके अलावा गांव के दो दर्जन से अधिक लोग भी पलायन किये हैं.

आज तक मिला सिर्फ आश्वासन: शहीद के परपोता

शहीद के परपोता जोगिया खड़िया ने कहा कि कुछ माह पहले प्रशासन के लोग गांव आये थे. बोले थे. गांव में सड़क बनेगी. बिजली में सुधार होगा. शहीद की प्रतिमा की मरम्मत होगी. युवक- युवतियों को रोजगार मिलेगा. सभी वृद्धों को पेंशन दिया जायेगा. लेकिन, समस्या दूर नहीं हुई. मजबूरी में गरीबी के कारण गांव के युवक-युवती दूसरे राज्य पलायन कर रहे हैं.

रिपोर्ट: दुर्जय पासवान, गुमला.

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