जानवरों के जैसे रखा जा रहा है, खाना भी जानवरों जैसा, गुमला के चंडाली क्वारेंटाइन सेंटर में मजदूरों का आरोप

गुमला शहर से तीन किमी दूर चंदाली पॉलिटेक्निक कॉलेज में 250 प्रवासी मजदूरों को रखा गया है. परंतु यहां मजदूरों को जो सुविधा मिलनी चाहिए, नहीं मिल पा रही है. इससे सभी मजदूर खासा नाराज हैं. मजदूरों का कहना है उन्हें यहां जानवरों के जैसे रखा जा रहा है. खाना भी जानवरों जैसा दिया जा रहा है. मजदूरों का आरोप है कि जब कोई व्यवस्था नहीं थी तो हमें यहां क्यों रोका गया. हम घर पर ही क्वारेंटाइन का पालन कर लेते. पेश है खबर गुमला के ब्यूरो दुर्जय पासवान की एक रिपोर्ट...

By Prabhat Khabar Print Desk | May 24, 2020 6:42 PM

गुमला : गुमला शहर से तीन किमी दूर चंदाली पॉलिटेक्निक कॉलेज में 250 प्रवासी मजदूरों को रखा गया है. परंतु यहां मजदूरों को जो सुविधा मिलनी चाहिए, नहीं मिल पा रही है. इससे सभी मजदूर खासा नाराज हैं. मजदूरों का कहना है उन्हें यहां जानवरों के जैसे रखा जा रहा है. खाना भी जानवरों जैसा दिया जा रहा है. मजदूरों का आरोप है कि जब कोई व्यवस्था नहीं थी तो हमें यहां क्यों रोका गया. हम घर पर ही क्वारेंटाइन का पालन कर लेते. पेश है खबर गुमला के ब्यूरो दुर्जय पासवान की एक रिपोर्ट…

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क्वारेंटाइन सेंटर में व्यवस्था को लेकर शनिवार को चंदाली क्वारेंटाइन सेंटर में मजदूरों ने हंगामा किया है. खाने पीने व साफ सफाई पर सवाल खड़ा किया है. कुछ मजदूरों ने वीडियो बनाकर चंदाली सेंटर की समस्याओं की जानकारी दी है. मजदूरों ने कहा है कि जब से यहां आये हैं. सिर्फ सोयाबिन बरी व खिचड़ी खाने को मिल रहा है. हरी सब्जी व पौष्टिक आहार नहीं मिल रहा है.

मजदूरों ने कहा है कि यहां शौचालय भी गंदा रहता है. सफाई ठीक ढंग से नहीं हो रही है. कभी भी सेनेटाइज नहीं हो रहा है. यहां जो व्यवस्था है. ऐसा लगता है कि कोरोना से पहले हम यहां की व्यवस्था व भूख से मर जायेंगे. मजदूरों ने आरोप लगाया है कि हमें जानवरों जैसा रखा जा रहा है. खाना भी जानवरों जैसा खाने के लिए दिया जा रहा है.

मजदूरों ने समस्या दूर करने की मांग की है. मजदूरों की समस्या को लेकर मिशन बदलाव ने मुख्यमंत्री को ट्वीट कर गुमला की स्थिति की जानकारी दी है. ऐसे कई मामले झारखंड के कई जिलों से सामने आ रहे हैं, जहां मजदूरों को क्वारेंटाइन सेंटर में बंद तो कर दिया जा रहा है, लेकिन उन्हें समय खाना आदि नहीं दी जा रही है.

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