बाल-विवाह का विरोध : मैं अभी शादी नहीं करूंगी, पढ़ूंगी

गुमला : गुमला शहर के करमटोली निवासी फिरन बड़ाइक की नाबालिग बेटी दीपा कुमारी ने बाल विवाह का विरोध करते हुए शादी करने से इनकार कर दिया. वह गुरुवार को बाल कल्याण समिति (सीडब्ल्यूसी) कार्यालय पहुंची और कहा कि अभी मेरी उम्र 15 साल है. मैं अभी शादी नहीं करूंगी. मैं पढ़ना चाहती हूं. उसने […]

By Prabhat Khabar Print Desk | April 28, 2017 6:53 AM
गुमला : गुमला शहर के करमटोली निवासी फिरन बड़ाइक की नाबालिग बेटी दीपा कुमारी ने बाल विवाह का विरोध करते हुए शादी करने से इनकार कर दिया. वह गुरुवार को बाल कल्याण समिति (सीडब्ल्यूसी) कार्यालय पहुंची और कहा कि अभी मेरी उम्र 15 साल है.
मैं अभी शादी नहीं करूंगी. मैं पढ़ना चाहती हूं. उसने बताया कि उसकी शादी 29 अप्रैल को है. उससे दोगुने उम्र के चालक से जबरन शादी करायी जा रही है, इसलिए वह लगन पान छोड़ पहले थाना गयी, फिर वहां से सीडब्ल्यूसी के पास पहुंची है. सीडब्ल्यूसी ने उसे अपने संरक्षण में ले लिया है. अभी उसे नारी निकेतन में रखा गया है.
शादी से पहले दीपा की बगावत : दीपा ने बताया कि वह राजेंद्र अभ्यास मध्य विद्यालय गुमला में आठवीं कक्षा में पढ़ती है. उसके पिता फिरन बड़ाइक राजमिस्त्री हैं. उसके परिजनों ने छत्तीसगढ़ के कांसाबेल निवासी अजय कुमार से शादी तय कर दी. गुरुवार को लगन पान था. 29 अप्रैल को शादी है. जिससे शादी हो रही है, उसकी उम्र करीब 30 साल है. दीपा ने परिजनों से कहा था कि वह अभी शादी नहीं करनी चाहती, लेकिन घरवाले नहीं माने. इस कारण वह घर से निकल पड़ी. सीडब्ल्यूसी के चेयरमैन शंभु सिंह, सदस्य डॉ अशोक मिश्र, संजय भगत व कृपा खेस ने दीपा का बयान दर्ज किया है. दीपा से शादी नहीं करने के कारण व आगे क्या करना चाहती है, इस संबंध में पूछताछ की.
इन लड़कियों ने दिखायी है बहादुरी
वर्ष 2012 में घाघरा प्रखंड की सरस्वती कुमारी सबसे पहले बाल विवाह के खिलाफ आवाज मुखर की थी. इसके बाद 29 अप्रैल 2015 को पालकोट प्रखंड की बिरसमुनी कुमारी, 26 फरवरी 2016 को घाघरा के हापामुनी गांव की ममता कुमारी व वर्ष 2016 में पालकोट प्रखंड की मंगरीता कुमारी ने घरवालों से बगावत कर कम उम्र में शादी करने से इनकार कर चुकी हैं. ये सभी लड़कियां अभी पढ़ रही हैं.
कोट:
दीपा ने बहादुरी का परिचय दिया है. वह शादी नहीं करना चाहती. उसे प्रशासन संरक्षण में लेकर पढ़ायेगा. उसके माता-पिता से बात कर उन्हें जागरूक किया जायेगा. डीसी से मिल कर दीपा की पढ़ाई की व्यवस्था करेंगे.
शंभु सिंह, चेयरमैन, सीडब्ल्यूसी, गुमला

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