मानव तस्कर के चंगुल में फंसे गुमला के दो बेटे 25 साल से लापता, याद में परिजन के निकल रहे आंसू, नहीं ले रहा कोई सुध

Jharkhand News (गुमला) : मानव तस्करों ने मां व पिता से उनके बेटों का प्यार छिन लिया. परिवार के लोग 25 साल से अपने बेटों के आने का इंतजार कर रहे हैं. परंतु, कब आयेंगे? यह सवाल परिवार के सदस्य अक्सर आपस में करते रहते हैं. हर दिन भगवान से प्रार्थना करते हैं कि उनके खोये हुए बेटे वापस घर आ जाये. मामला गुमला जिला अंतर्गत रायडीह प्रखंड के पीबो पंचायत स्थित बिरहोर टोंगरी व गोसाईकोना गांव की है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 27, 2021 10:18 PM

Jharkhand News (दुर्जय पासवान, गुमला) : मानव तस्करों ने मां व पिता से उनके बेटों का प्यार छिन लिया. परिवार के लोग 25 साल से अपने बेटों के आने का इंतजार कर रहे हैं. परंतु, कब आयेंगे? यह सवाल परिवार के सदस्य अक्सर आपस में करते रहते हैं. हर दिन भगवान से प्रार्थना करते हैं कि उनके खोये हुए बेटे वापस घर आ जाये. मामला गुमला जिला अंतर्गत रायडीह प्रखंड के पीबो पंचायत स्थित बिरहोर टोंगरी व गोसाईकोना गांव की है.

बिरहोर कॉलोनी निवासी जोहन बिरहोर के पुत्र अकुब बिरहोर 25 साल से गायब है. पिता ने कहा कि मैं कई बार बेटे को याद कर रो पड़ता हूं. न जाने वह कहां होगा. किस हाल में होगा. यह सोचता रहता हूं. जोहन ने बताया कि जब अकुब 10 वर्ष का था. तभी दूसरे गांव की कष्टी देवी व उसका पति विधि द्वारा अकुब को काम करने के बहने घर से ले गये. इसके बाद से अकुब घर नहीं लौटा.

उन्होंने कहा कि कई बार कष्टी व विधि से अपने बेटे के बारे में पूछा, लेकिन वे लोग दबंग हैं. इसलिए कुछ नहीं बताये. हम गरीब बिरहोर जनजाति के लोग हैं. इसलिए हम डर से चुप हो गये और बेटे की याद में घुट-घुट कर जी रहे हैं. जोहन ने कहा कि अब मेरा बेटा 35 साल का हो गया है.

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बेटे को एक बार उसे देखने की इच्छा है. लेकिन, मैं कब मर जाऊंगा, कहा नहीं जा सकता. मरने से पहले एक बार बेटे को देख लूं, तो मन को सकून मिलेगा. गांव के लोग भी अकुब को याद करते हैं. गांव का वह एकलौता जवान बेटा है, जो लापता है. अकुब नागालैंड गया था. वहीं कहीं खो गया.

काम करने नागालैंड गया युवक

गोसाईकोना गांव के गोवर्धन प्रधान 10 साल की उम्र में अपने घर से निकला था. कुछ लोग उसे ठग कर ले गये थे. उसके साथ अन्य कुछ साथी भी नागालैंड गये थे, लेकिन गोवर्धन के साथी किसी प्रकार भागकर गांव लौट आये. पर अभी तक गोवर्धन नहीं लौटा है. वह घर का बड़ा बेटा है. अब उसकी उम्र 35 साल हो गयी है. उसका छोटा भाई धनी प्रधान जो अभी गांव में रहता है. उन्होंने बताया कि मेरा भाई जब 10 वर्ष का था. तभी गांव से निकला. इसके बाद से नहीं लौटा. मैं अपने बड़े भाई के आने का इंतजार हर रोज करता हूं. धनी ने कहा कि जब मैं पांच साल का था. उस समय मेरा बड़ा भाई 10 साल का था.

Posted By : Samir Ranjan.

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