झारखंड की राजनीति का फ्लैश बैक : 1967 में रांची आ कर अटल से मांगा था टिकट, लड़ा था चुनाव

जगरनाथ गुमला : 1967 जब जनसंघ के सर्वमान्य नेता अटलबिहारी वाजपेयी रांची आये थे. रोपना उरांव ने रांची जाकर वाजपेयी से मुलाकात की थी. गुमला विधानसभा सीट के लिए टिकट मांगा था. उस समय वाजपेयी ने रोपना से पूछा था कि टिकट आपको ही क्यों दें? उन्होंने संघ को मजबूत करने और जनता के हित […]

By Prabhat Khabar Print Desk | November 20, 2019 6:47 AM
जगरनाथ
गुमला : 1967 जब जनसंघ के सर्वमान्य नेता अटलबिहारी वाजपेयी रांची आये थे. रोपना उरांव ने रांची जाकर वाजपेयी से मुलाकात की थी. गुमला विधानसभा सीट के लिए टिकट मांगा था. उस समय वाजपेयी ने रोपना से पूछा था कि टिकट आपको ही क्यों दें? उन्होंने संघ को मजबूत करने और जनता के हित के लिए काम करने का वादा किया था.
इससे प्रभावित होकर वाजपेयी ने रोपना को गुमला विधानसभा सीट से टिकट दे दिया था. रोपना इससे पूर्व कांग्रेस के कार्यकर्ता थे, वह इसी पार्टी से चुनाव भी लड़ना चाहते थे.
टिकट मिलते ही रोपना ने जीत का झंडा गाड़ा. रोपना उरांव दो बार 1967 व 1969 में विधायक रहे और राज्य के मंत्री भी बने. अगले चुनाव में वह कांग्रेस के बैरागी उरांव से हार गये. हारने के बाद भी रोपना उरांव ने गुमला शहर में जुलूस निकाला था. जनता का अाभार प्रकट किया. 1936 में जन्मे रोपना उरांव का निधन 1981 में हो गया. मात्र 31 साल के उम्र में विधायक बने थे.
राजनीति में आने के पहले उनकी लड़ाई एक पदाधिकारी से हो गयी थी. स्वाभिमानी रोपना उरांव ने सरकारी सेवा से त्याग पत्र दे दिया था और जनता की सेवा के लिए राजनीति में आ गये थे. वह गुमला और पालकोट प्रखंड में कर्मचारी के रूप में पदस्थापित थे. गुमला में रोपना उरांव ने संघ और भाजपा को एक दिशा दी. वह अंतिम सांस तक जनसंघ का झंडा थामे रहे.

Next Article

Exit mobile version