दूध नहीं मिलने से 13 दिन के बच्चे की मौत, मां ने कहा: लॉकडाउन ने मेरे बेटे को मार डाला

गुमला : सिसई प्रखंड के नवदंपती ईंट भट्ठा में मजदूरी करने बिहार राज्य के गोपालगंज गये थे. परंतु लॉकडाउन में फंसने के बाद दूध नहीं मिलने से दंपती के 13 दिन के शिशु की मौत हो गयी. बच्चे की मां ने कहा कि इस लॉकडाउन ने हमसे हमारा बेटा छीन लिया.

By Prabhat Khabar Print Desk | May 28, 2020 8:49 PM

गुमला : सिसई प्रखंड के नवदंपती ईंट भट्ठा में मजदूरी करने बिहार राज्य के गोपालगंज गये थे. परंतु लॉकडाउन में फंसने के बाद दूध नहीं मिलने से दंपती के 13 दिन के शिशु की मौत हो गयी. बच्चे की मां ने कहा कि इस लॉकडाउन ने हमसे हमारा बेटा छीन लिया. गुरुवार को दंपती खाली हाथ सिसई पहुंचे. पूरा मामला क्या है, पढ़े गुमला से दुर्जय पासवान की रिपोर्ट…

Also Read: सूरत से वापस घर आ रहे युवक की रास्ते में हुई मौत, गढ़वा का रहने वाला था मृतक

गोपालगंज से सिसई लौटने के बाद शिशु के खोने के दर्द में माता पिता के आंखों से आंसू छलक उठे. दंपती ने बताया कि उनका गांव सिसई प्रखंड के करकरी गांव है. गांव में काम नहीं रहने पर गोपालगंज गये हुए थे. परंतु वहां लॉकडाउन में फंस गये. भट्ठा में ही शिशु को जन्म दिया. मां को पौष्टिक आहार नहीं मिल रहा था. जिस कारण मां का दूध नहीं बना.

लॉकडाउन में शिशु के लिए दूध नहीं मिला. जिस कारण उसकी मौत हो गयी. मां ननबी देवी ने कहा कि लॉकडाउन के कारण मेरे बेटे की मौत हो गयी. बेटे के जन्म के बाद सोचा था कि पैसा कमाकर घर जायेंगे. खेतीबारी कर गांव में खुशी से रहेंगे. परंतु लॉकडाउन के कारण बेटे की मौत हो गयी. खाली हाथ गांव लौट रहे हैं. गम में हैं. अगर प्रसव के समय गांव पहुंच जाते तो मेरा बेटा आज जीवित रहता. भट्ठा में डॉक्टरी इलाज नहीं हुआ. भट्ठा में काम करने वाली महिलाओं ने प्रसव कराया था.

Also Read: झारखंड लौट रहे प्रवासी श्रमिकों को मनरेगा के तहत मिले रोजगार, 10 लाख जॉब कार्ड बन कर तैयार
पिता ने कहा : गांव में ही जीयेंगे और मरेंगे

पिता लालू उरांव ने कहा कि गरीबी के कारण ईंट भट्ठा में कमाने गये थे. परंतु वहां लॉकडाउन का ऐसा असर पड़ा कि हमें अपने नवजात बेटे को गंवाना पड़ा. अब चाहे जो भी संकट हो. अपने ही गांव में रहकर जीयेंगे और मरेंगे. लालू ने कहा कि संकट में कोई मदद नहीं करता. बड़ी मुश्किल से ट्रक किराये पर बुक कर सिसई पहुंचे हैं.

35 मजदूर ट्रक किराये पर लेकर लौटे गांव

सिसई प्रखंड के करकरी गांव के 35 मजदूर बिहार राज्य के गोपालगंज स्थित ईंट भट्ठा में काम करने गये गये थे. सिसई पहुंचने के बाद सभी प्रवासी मजदूरों की सिसई रेफरल हॉस्पिटल में जांच कराने के बाद होम कोरेंटिन का निर्देश देकर अपने-अपने घर भेजा गया. मजदूरों की जांच कराने व घर तक पहुंचने में पंसस कुदरा ममता कुमारी, उप मुखिया ज्योति लकड़ा, समाजसेवी मकीन अंसारी, निरंजन लकड़ा व जुल्फान अंसारी का महत्वपूर्ण योगदान रहा.

Posted By : Amlesh Nandan Sinha.

Next Article

Exit mobile version