गुमला : उग्रवाद प्रभावित इलाके में नेटवर्क की सुविधा नहीं, पेड़ के नीचे चलता है प्रज्ञा केंद्र
।। दुर्जय पासवान ।। गुमला : जिले के अतिउग्रवाद प्रभावित कुरूमगढ़, बामदा, द्वारसेनी, तिगावल सहित अन्य गांवों के ग्रामीण नेटवर्क ढूंढ़कर ऑनलाइन काम कराने को विवश हैं. उक्त सभी गांव चैनपुर प्रखंड अंतर्गत है. जहां चैनपुर प्रखंड मुख्यालय सहित आसपास के क्षेत्रों को छोड़कर अन्य गांवों और जंगल व पहाड़ी क्षेत्रों में नेटवर्क की सुविधा […]
।। दुर्जय पासवान ।।
तिगावल में कहीं-कहीं पास नेटवर्क पकड़ता है. कुरूमगढ़ के बाद लगभग ढाई किमी का द्वारसेनी जंगल पार करने के बाद तिगावल जाते हैं. तब कहीं जाकर नेटवर्क काम करता है और अपना-अपना काम कराते हैं. वृद्धा-विधवा पेंशन आदि कार्यों के लिए ऑनलाइन आवेदन करने को कहा जाता है. परंतु मोबाइल टावर के अभाव में नेटवर्क काम ही नहीं करता है.
ग्रामीणों ने यह भी बताया कि कुछ माह पहले कुरूमगढ़ में प्रशासन आपके द्वारा कार्यक्रम हुआ था. जिसमें सांसद व विधायक ने आश्वास दिया था कि सड़क, मोबाइल फोन टावर की समस्या का जल्द ही निराकरण करेंगे. परंतु अब तक सांसद-विधायक का आश्वासन महज एक कोरा आश्वासन ही बना हुआ है. जिसका खामियाजा क्षेत्र के ग्रामीण भुगत रहे हैं.
ग्रामीणों ने यह भी कहा कि यदि सड़क व मोबाइल फोन टावर की समस्या का निराकरण नहीं होता है तो वोट का बहिष्कार करेंगे. जंगल व पहाड़ों के बीच में रहने वाले हम आदिम जनजातियों को सरकार उपेक्षित कर रही है. वोट नहीं देकर हम सरकार को उपेक्षित करेंगे.