प्‍यार के बदले मिला धोखा, अपने बच्‍चे के साथ प्रेमी के घर धरने पर बैठी प्रेमिका, कहा – शादी नहीं करने पर कर दूंगी केस

दुर्जय पासवान, गुमला कॉलेज की पढ़ाई के समय शुरू हुई प्यार 16 सालों तक परवान चढ़कर बोला. प्यार में नजदीकियां बढ़ी, तो दो माह पहले एक बेटे का जन्म हुआ. बेटे के जन्म के बाद अब प्रेमी शादी करने से मुकर रहा है. उसकी मंशा नेक नहीं है. दूसरी शादी करने की योजना है. इसकी […]

By Prabhat Khabar Print Desk | January 22, 2019 11:34 PM
दुर्जय पासवान, गुमला
कॉलेज की पढ़ाई के समय शुरू हुई प्यार 16 सालों तक परवान चढ़कर बोला. प्यार में नजदीकियां बढ़ी, तो दो माह पहले एक बेटे का जन्म हुआ. बेटे के जन्म के बाद अब प्रेमी शादी करने से मुकर रहा है. उसकी मंशा नेक नहीं है. दूसरी शादी करने की योजना है. इसकी भनक जब प्रेमिका को हुई तो वह प्यार की निशानी एक बेटे को लेकर प्रेमी के घर पहुंची और उसके घर के दरवाजा के सामने धरना पर बैठ गयी.
घंटों तक धरना पर बैठी रही. प्रेमिका ने कहा कि अगर उसके बेटे को पिता का नाम नहीं मिला तो वह थाने में केस करेगी. मामला गुमला प्रखंड के डुमरडीह पंचायत की है. प्रेमिका का नाम द्रौपदी कुमारी है और प्रेमी का नाम चरवा केरकेटटा है. द्रौपदी दिन के 11 बजे अपने दुधमुंहे बेटे को गोद में लिये अपने प्रेमी चरवा उरांव के घर पहुंची. साथ में प्रेमिका की मां व उसके रिश्तेदार भी थे. घर के सामने पहुंचते ही दरवाजा के पास बैठ गयी. उस समय घर पर चरवा का भाई व अन्य रिश्तेदार थे.
द्रौपदी के दरवाजा के पास बैठने से चरवा के परिजन परेशान हो गये. उन्हें कुछ समझ नहीं आ रहा था. जब उन्हें पूरा मांजरा समझ में आया तो वे चुपचाप हो गये. हालांकि परिजन अपना पक्ष रखते हुए मिल बैठकर मामले को सलटाने की बात कर रहे थे. लेकिन द्रौपदी चरवा से शादी करने व बेटे को पिता का नाम देने को लेकर अड़ी हुई थी.
इस प्रकार प्यार का परवान चढ़ा, फिर बढ़ी दूरियां
द्रौपदी ने बताया कि उसका अपना घर बसिया प्रखंड है. उसके पिता नहीं है. कुछ खेत है. खेतीबारी कर छोटा भाई व द्रौपदी पढ़ते हैं. द्रौपदी ने कहा कि वर्ष 2013 में वह गुमला के केओ कॉलेज से इंटर की परीक्षा पास की है. पढ़ाई के समय वह कॉलेज के समीप ही बिरसा नगर में किराये के मकान में रहती थी. जिस स्थान पर किराया घर था. उसी के बगल में चरवा केरकेटटा का भी घर था. चरवा का द्रौपदी के कमरे में आना जाना बढ़ा तो दोनों में प्यार हो गया. यह प्यार लगातार छह वर्षो तक चला.
द्रौपदी के अनुसार दोनों ने प्यार में जीने मरने की कसमें भी खायी. चरवा पर विश्वास हुआ तो द्रौपदी की नजदीकी उससे बढ़ गयी. द्रौपदी ने कहा कि तीन बार गर्भपात कराया गया. क्योंकि चरवा अक्सर कहता था कि शादी के बाद बच्चा होना चाहिए. उसके झांसे में आकर द्रौपदी ने तीन बार गर्भपात करायी. चौथी बार जब गर्भ ठहरा तो चरवा ने कहा कि शादी करेंगे. द्रौपदी के अनुसार खुद चरवा ने उसे अस्पताल में भरती कराया. जहां दो माह पहले द्रौपदी ने एक बेटे को जन्म दी.
बेटे के जन्म के बाद चरवा उसे देखने भी आया. लेकिन इधर, एक महीने से चरवा दूसरी शादी करने के फिराक में है. फोन भी रिसीव नहीं करने लगा. चरवा की मंशा को देखते हुए द्रौपदी उसके घर पहुंचकर धरना दी.
किराये के घर में रखा था
चरवा ने द्रौपदी को अपने ही गांव में किराये के घर में रखा था. वह अक्सर उससे जाकर मिलता था. द्रौपदी ने कहा कि कभी चरवा मुझे अपने घर नहीं ले गया. लेकिन चरवा को मैंने अपने घर ले गयी. चरवा खुद भी मेरे परिवार से जाकर मिला है. लेकिन जब से मेरा बेटा पैदा हुआ है. वह मुझसे छिपते फिर रहा है. उसकी मंशा ठीक नहीं लग रही है. न्याय नहीं मिलने पर मैं थाना व कोर्ट का सहारा लूंगी.
परिजन का पक्ष
चरवा के छोटे भाई ने कहा कि द्रौपदी से परिचय है. इस प्रकार का मामला होने पर हमारे परिवार के लोग मिल बैठकर मामला को सलटाने में लगे हुए हैं. बच्चा मेरा भाई का ही है. जबतक पंचायत की बैठक नहीं होगी. कुछ कहा नहीं जा सकता. अभी मेरा बड़ा भाई बाहर गया हुआ है. वह नेटवर्किंग कंपनी में काम करता है.

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