संथाल सिविल रूल्स व संथाल परगना जस्टिस रेगुलेशन करें लागू : सीओ
1893 के प्रावधानों की विस्तार से की गयी समीक्षा
बोआरीजोर प्रखंड सभागार भवन में ग्राम प्रधान मांझी बाबा की बैठक आयोजित की गयी, जिसकी अध्यक्षता अंचल अधिकारी केदारनाथ सिंह ने किया. उन्होंने कहा कि 21 मार्च को आयुक्त की अध्यक्षता में दुमका में बैठक हुई थी. बैठक में आदिवासी गांव एवं आदिवासी ग्रामीण के आर्थिक स्थिति वेशभूषा रहन-सहन का समीक्षा किया गया तथा संथाल सिविल रूल्स एवं संथाल परगना जस्टिस रेगुलेशन 1893 के प्रावधानों की विस्तार से समीक्षा किया गया. इन सभी नियमों को गांव में लागू करने पर भी जोर दिया. अंचल अधिकारी ने ग्राम प्रधान की बैठक में प्रखंड के सभी गांवों में परगनेत एवं माझी के कार्यरत स्थिति के बारे में जानकारी ली. उन्होंने कहा कि लोकल ट्राइबल काउंसिल के तहत आदिवासी बनाम आदिवासी के बीच के मामलों का निष्पादन होता है या नहीं. इस काउंसिल के तहत विवाह विच्छेद, विधवा पुनर्विवाह, डायन विषय, पति-पत्नी का झगड़ा, मारपीट, चोरी का निपटारा किया जाना है और इस काउंसिल के गठन एवं सदस्यों के बारे में भी जानकारी ली. उन्होंने काउंसिल की शक्ति एवं दंड के नियम के बारे में भी जानकारी ली. अंचल अधिकारी ने कहा कि आदिवासी की पहचान अपनी संस्कृति एवं वेशभूषा से होती है. अपनी पहचान किसी को नहीं भूलनी चाहिए. काउंसिल के सभी प्रावधानों अच्छे समाज बनाने में सहयोग करता है, इसे अवश्य अपनाएं. मौके पर अंचल निरीक्षक तमिज़ुद्दीन अंसारी, बाबूलाल मरांडी, तिलक मुर्मू, रमेश सोरेन, प्रमोद हेंब्रम, भगवान सोरेन, मनीष राय आदि उपस्थित थे.
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