जिले में तीन महीने से नहीं है टीबी की दवा

एक तरफ सरकार राष्ट्रीय यक्ष्मा उन्मूलन कार्यक्रम चला रही है. टीबी हारेगा-देश जीतेगा सरीखे बैनर पोस्टर लगाकर व्यापक प्रचार प्रसार किया जा रहा है. सरकार मरीजों की निरंतर जांच कर मुफ्त में दवा उपलब्ध कराने का दावा कर रही है, लेकिन दूसरी ओर गिरिडीह जिले में पिछले तीन महीने से टीबी की दवा नहीं है.

By Prabhat Khabar | April 30, 2024 12:08 AM

समशुल अंसारी, गिरिडीह. एक तरफ सरकार राष्ट्रीय यक्ष्मा उन्मूलन कार्यक्रम चला रही है. टीबी हारेगा-देश जीतेगा सरीखे बैनर पोस्टर लगाकर व्यापक प्रचार प्रसार किया जा रहा है. सरकार मरीजों की निरंतर जांच कर मुफ्त में दवा उपलब्ध कराने का दावा कर रही है, लेकिन दूसरी ओर गिरिडीह जिले में पिछले तीन महीने से टीबी की दवा नहीं है. विभाग को पत्राचार किये जाने के बाद भी दवा उपलब्ध नहीं होने के कारण मरीज प्राइवेट में दवा खरीद कर जान बचाने को मजबूर हैं. टीबी मरीज के पांच लक्षण होते हैं. दो सप्ताह से ज्यादा खांसी, छाती में दर्द, रात में बुखार व बुखार के साथ पसीना आना, भूख न लगना व बलगम के साथ खून आना इसके मुख्य लक्ष्मण है. इसकी जांच के लिये पीएचसी-सीएचसी व सदर अस्पताल में टीबी यूनिट का संचालित है. यहां बलगम जांच की जाती है. इतना ही नहीं टीबी ट्रीटमेंट सपोर्ट के लिए मरीजों को ओटीबी की दवा के लिए एक हजार एवं डीआर टीबी की दवा के लिए पांच हजार भुगतान का भी प्रावधान है. इसके अलावा डीबीटी के माध्यम से निक्षय पोषण योजना के तहत प्रति मरीज को 500 रुपये भी दिया जाता है. वर्तमान में जिले में 935 टीबी मरीज हैं. इन मरीजों को पिछले तीन माह से टीबी की दवा नहीं मिल रही है.

सीएचसी गांडेय में है ट्रूनेट मशीन से जांच की सुविधा

सीएचसी गांडेय में स्थापित एसटीएलएस वरुण कुमार सिंह (टीबी यूनिट) ने कहा कि यहां ट्रूनेट मशीन से जांच की सुविधा उपलब्ध है. बीते वर्ष कुछ मरीजों को सांसद अन्नपूर्णा देवी व गांडेय के तत्कालीन थाना प्रभारी हसनैन अंसारी ने गोद भी लिया था. कहा कि बीते कुछ माह से टीबी की दवा के अभाव में मरीज परेशान हैं. विभाग से पत्राचार किया गया है.

दवा की कमी है : जिला यक्ष्मा पदाधिकारी

जिला यक्ष्मा पदाधिकारी डॉ रेखा झा ने कहा कि यक्ष्मा उन्मूलन की दिशा में विभाग लगातार कार्य कर रहा है. दो-तीन महीने से टीबी की दवा का आवंटन नहीं हुआ है. विभाग से पत्राचार किया गया है. दवा का आवंटन होते ही मरीजों के बीच वितरण किया जायेगा.

कहां कितने हैं मरीज

प्रखंड – मरीजबगोदर – 36बेंगाबाद – 56

बिरनी – 57देवरी – 36

गिरिडीह(डीटीसी) – 375डुमरी – 65

गांडेय – 65गावां – 26

जमुआ – 86पीरटांड़ – 44

राजधनवार – 43सरिया – 11

तिसरी – 41

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