Giridih News: सीसीएल की जमीन कब्जा का प्रयास, अर्द्धनिर्मित दीवार गिरायी
Giridih News: जिले में भू-माफियाओं के हौसले बुलंद होते जा रहे हैं. अब वे ना केवल सरकारी, बल्कि सार्वजनिक उपयोग की संपत्तियों को हथियाने की कोशिश में लगे हैं. ऐसा ही मामला पचंबा थाना क्षेत्र के चैताडीह भंडारीडीह स्थित वार्ड संख्या 20 में सामने आया है. यहां सीसीएल की भूमि पर बने ऐतिहासिक चैताडीह तालाब का अस्तित्व समाप्त कर अवैध निर्माण कार्य शुरू कर दिया गया.
स्थानीय लोगों की शिकायत पर बुधवार को प्रशासन हरकत में आया और अविलंब कार्रवाई करते हुए निर्माण कार्य रोक दिया. साथ ही तालाब को पाटने के लिए बनायी जा रही ईंट की दीवारों को ध्वस्त कर दिया. स्थानीय निवासियों ने बताया कि चैताडीह वार्ड नंबर 20 में स्थित यह तालाब जिसे सर्वे तालाब के नाम से भी जाना जाता है. वर्षों से यह तालाब ना केवल चैताडीह व भंडारीडीह के लोगों की पानी की जरूरतों को पूरा करता रहा है, बल्कि यह जल स्रोत स्थानीय जीव-जंतुओं का भी आधार है. तालाब की पर्यावरणीय और सामाजिक उपयोगिता को नजर अंदाज करते हुए कुछ असामाजिक तत्वों व भूमाफियाओं द्वारा इसे ईंट और मिट्टी से भरने का कार्य शुरू कर दिया गया था. इतना ही नहीं, तालाब की भूमि को लेकर खरीद-बिक्री की कोशिश भी की जा रही है. इसके पीछे संगठित गिरोह सक्रिय हैं. स्थानीय लोगों ने बताया कि अगर समय रहते प्रशासन हस्तक्षेप नहीं करता तो आने वाले समय में यह जलस्रोत पूरी तरह से समाप्त हो जाता.
ग्रामीणों की सूचना पर पुलिस ने रोका अवैध निर्माण
दिन-दहाड़े तालाब की जमीन पर ईंट और बालू गिराकर अवैध निर्माण कार्य शुरू कर दिया था. इस अवैध गतिविधि की भनक लगते ही स्थानीय ग्रामीणों ने समय रहते विरोध जताया और प्रशासन को सूचित किया. ग्रामीणों ने बताया कि तालाब की भराई कर वहां दीवार खड़ी की जा रही थी. ग्रामीण मौके पर पहुंचे और उन्होंने पचंबा थाना व स्थानीय प्रशासन को सूचित किया. सूचना पर प्रशासन हरकत में आया. सदर एसडीएम श्रीकांत यशवंत विस्पुते के निर्देश पर पचंबा थाना की पुलिस व सीसीएल सुरक्षा गार्ड संयुक्त रूप से चैताडीह पहुंचे. उनकी उपस्थिति की भनक मिलते ही वहां काम कर रहे सभी लोग मौके से फरार हो गए. इसके बाद प्रशासनिक टीम ने बिना किसी देर के अवैध रूप से खड़ी की जा रही दीवारों को ध्वस्त कर दिया.
पूर्व में भी दी गयी थी चेतावनी
स्थानीय निवासी सुरेंद्र पासवान ने बताया कि यह कोई पहली बार नहीं है, जब तालाब की जमीन पर कब्जा जमाने की कोशिश की गयी हो. इससे पहले भी स्थानीय लोगों द्वारा इसकी शिकायत सीसीएल प्रबंधन से की गयी थी. इसके बाद सीसीएल ने स्पष्ट रूप से नोटिस जारी करते हुए तालाब को अपनी संपत्ति बताया था. सीसीएल प्रबंधन ने तालाब परिसर में एक चेतावनी नोटिस चिपकाया था. इसमें लिखा गया था कि यह भूमि सीसीएल की है और इस पर किसी भी प्रकार का निजी निर्माण अवैध माना जायेगा. नोटिस में यह भी उल्लेख था कि ऐसा करने वालों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जायेगी. हालांकि, भूमाफियाओं ने इस चेतावनी को दरकिनार कर दिया. कुछ दिन शांत रहने के बाद उन्होंने फिर से तालाब की जमीन पर ईंट-बालू गिरवाकर दीवार निर्माण शुरू कर दिया. इस दौरान पहले लगाये गये नोटिस को उखाड़ फेंक दिया गया.
ग्रामीणों ने मंत्री को सौंपा था ज्ञापन
अतिक्रमण को लेकर ग्रामीणों ने पहले ही 24 मई को मंत्री सुदिव्य कुमार सोनू को ज्ञापन सौंपा था, जिसमें चैताडीह तालाब की स्थिति और उस पर हो रहे अवैध कब्जे की जानकारी दी गयी थी. ज्ञापन में ग्रामीणों ने बताया था कि यह तालाब से सैकड़ों ग्रामीणों के साथ-साथ मवेशी और जलीय जीव निर्भर हैं. ग्रामीणों ने तालाब भरकर निर्माण कार्य रोकने की मांग की थी. मंत्री से तालाब के जीर्णोद्धार करने की भी मांग की है.
जानकारी मिलते ही की गयी कार्रवाई : एसडीएम
सदर अनुमंडल पदाधिकारी श्रीकांत यशवंत विस्पुते ने कहा कि ग्रामीणों की ओर से शिकायत मिलने के तुरंत बाद पचंबा थाना और सीसीएल को संयुक्त रूप से कार्रवाई का निर्देश दिया गया. बताया कि तालाब की जमीन पर कुछ असामाजिक तत्वों द्वारा अवैध रूप से निर्माण कार्य किया जा रहा था. कार्रवाई करते हुए निर्माण को ध्वस्त कर दिया गया है. उन्होंने यह भी कहा कि पचंबा थाना को निर्देश दिया गया है कि जो भी व्यक्ति इस अतिक्रमण में संलिप्त हैं, उनकी पहचान कर भारतीय न्याय संहिता की धारा 126 के तहत उन्हें न्यायालय में प्रस्तुत किया जाये. एसडीएम ने स्पष्ट किया कि सरकारी व सार्वजनिक संपत्तियों पर किसी भी प्रकार का अतिक्रमण बर्दाश्त नहीं किया जायेगा.
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