रात में जांच घर रहता है बंद, इसीजी की भी नहीं मिलती सुविधा

भगवान भरोसे रहते हैं सदर अस्पताल जाने वाले मरीज

By Akarsh Aniket | July 26, 2025 9:22 PM

भगवान भरोसे रहते हैं सदर अस्पताल जाने वाले मरीज प्रभाष मिश्रा, गढ़वा. सरकार दावा कर रही है कि स्वास्थ्य व्यवस्था में निरंतर सुधार किया जा रहा है, लेकिन जमीनी हकीकत दावे से कोसों दूर है. ग्रामीण इलाकों की बात तो दूर जिला मुख्यालय की स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह से निराशाजनक है. जिले के सदर अस्पताल में रात में न तो ईसीजी की सुविधा है और न ही अन्य जांच होती है. अस्पताल में एक्स-रे की सुविधा बीते दो माह से बंद है, जिससे जिले के सदर अस्पताल में स्वास्थ्य व्यवस्था की स्थिति का आंकलन किया जा सकता. यह स्थिति तब है जब गढ़वा 112 आकांक्षी जिले में शामिल है. अस्पताल में सिर्फ ओपीडी के समय ही ईसीजी की सुविधा उपलब्ध है. दोपहर तीन बजे के बाद अस्पताल में तकनीशियन होेने की वजह से ईसीजी सेवा नहीं मिल पाती है. इसको लेकर तत्तकालीन सिविल सर्जन डॉ अशोक कुमार ने ड्यूटी पर तैनात डॉक्टरों को ही ईसीजी करने को कहा था. लगभग दो माह से बंद हैं एक्स-रे केंद्र गढ़वा सदर अस्पताल का एक्स-रे केंद्र तकनीशियन के अभाव में बीते दो महीने से बंद है. 31 मई को तकनीशियन के रिटायर होने के बाद से अस्पताल का एक्स-रे केंद्र बंद है, जिसके कारण मरीजों की निर्भरता निजी एक्स-रे केंद्रों पर है. सदर अस्पताल में एक्से-केंद्र शुरू होने से मरीजों को 60 रुपये में एक्स-रे की सुविधा मिल सकती है. फिलाहाल मरीज निजी केंद्रों में 300-400 खर्च कर एक्स-रे कराने को मजबूर हैं. रात नौ बजे के बाद बंद हो जाता है जांच घर सदर अस्पताल का जांच घर रात नौ बजे के बाद बंद हो जाता है. जहां संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देने के लिए सरकार प्रयास कर रही है, वहीं जांच घर रात में बंद होने के कारण गर्भवती महिलाओं को सबसे अधिक परेशानी होती है. मजबूरन महिलाओं को निजी अस्पताल में जाकर जांच करानी पड़ती है. ………………… कोट फोटो रात्रि सेवा में जांच और इलाज की मुकम्मल व्यवस्था को सुनिश्चित करने के लिए कार्य योजना तैयार की जा रही है. एक सप्ताह के अंदर एक्स-रे केंद्र को शुरू करवा दिया जाएगा. इसीजी के लिए एक और तकनीशियन की मांग की गयी है.जांच घर रात भर खुला रहे, इसके लिए सिविल सर्जन से बात की गयी है. जल्द ही व्यवस्था में सुधार किया जायेगा.

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