शहर के रिहायशी इलाकों में लगातार बढ़ रहा लंगूरों का उत्पात, नगरवासी सहमे

वार्ड 11 से 14 सबसे अधिक प्रभावित, नगर परिषद और वन विभाग से की गई समाधान की मांग

By Akarsh Aniket | August 1, 2025 9:45 PM

वार्ड 11 से 14 सबसे अधिक प्रभावित, नगर परिषद और वन विभाग से की गई समाधान की मांग

जितेंद्र सिंह, गढ़वा. शहर इन दिनों एक अलग ही संकट का सामना कर रहा है. आमतौर पर शांत रहने वाले मोहल्ले के लोग अब लंगूरों के झुंड से परेशान हैं. शहर के सहिजना इलाके के वार्ड संख्या 11, 12, 13 और 14 के लोगों को लगातार लंगूरों के आतंक का सामना करना पड़ रहा है. लंगूरों रोजाना इलाके के घरों में रखे सामानों को नुकसान पहुंचा रहे हैं. छतों पर लगे गमले, टेरेस गार्डन में लगाये गये पौधों को भी लंगूर उखाड़ रहे हैं. कई बार लंगूर छत पर रखे सामान को नीचे फेंक देते हैं, जिससे हादसे की आशंका भी बनी रहती है. वहीं छतों पर उछलने-कूदने से कई घरों अल्बेस्टर छतिग्रस्त हो चुके हैं. वहीं लंगूरों के घर में घुसने इलाके के लोग सहमे हुये हैं.

तेजी से हो रहे शहरीकरण के कारण शहरों में आ रहे लंगूर

वन विभाग से जुड़े जानकारों के अनुसार यह समस्या केवल गढ़वा शहर की नहीं है, बल्कि आसपास के ग्रामीण इलाकों में भी लंगूरों का उत्पात देखने को मिल रहा है. गढ़वा प्रखंड के जाटा, जुटी, जुड़वानिया, डुमरो, नारायणपुर,अचला, नावाडीह, हूर, करूआ कला, तिलदाग आदि क्षेत्र के लोग भी लंगूरों के आतंक से ग्रसित हैं. किसान अपनी फसलों को लेकर भी चिंतित हैं. विशेषज्ञों का कहना है कि जंगलों में तेजी से हो रही पेड़ों की कटाई, शहरीकरण और बारिश के मौसम में जंगलों में भोजन की कमी के कारण लंगूर अब शहर की ओर आ रहे हैं. लंगूरों के आतंक से प्रभावित लोगों ने अखबार के माध्यम से वन विभाग से इस समस्या से निजात दिलाने की मांग की है.

विशेष अभियान चलाने की मांग

प्रभावित इलाकों के लोगों ने प्रशासन से लंगूरों की लगातार बढ़ती संख्या पर नियंत्रण के लिए विशेष अभियान चलाने की मांग की है. वन विभाग से प्रशिक्षित टीम भेजकर लंगूरों को पकड़कर उन्हें सुरक्षित स्थान पर छोड़ने की मांग की जा रही है. लोगों ने कहा कि यह संकट अब केवल एक सामान्य परेशानी नहीं, बल्कि एक गंभीर शहरी समस्या बनती जा रही है. नगर परिषद और वन विभाग की जिम्मेदारी है कि वे इस दिशा में त्वरित और प्रभावी कार्रवाई सुनिश्चित करें.

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