ड्रग इंस्पेक्टर के आते ही दवा दुकानें बंद, हड़कंप
भवनाथपुर में ड्रग इंस्पेक्टर ने चलाया जांच अभियान
भवनाथपुर में ड्रग इंस्पेक्टर ने चलाया जांच अभियान प्रतिनिधि, गढ़वा भवनाथपुर में रविवार को ड्रग इंस्पेक्टरों के पहुंचते ही स्थानीय दवा दुकानदारों में अफरा-तफरी मच गयी. जैसे ही जांच की जानकारी फैली, अधिकांश दुकानदार अपनी दुकानें बंद कर मौके से फरार हो गये. यह कार्रवाई झारखंड उच्च न्यायालय के निर्देश पर पूरे राज्य में चल रही मेडिकल दुकानों की सघन जांच अभियान का हिस्सा बतायी जा रही है. ड्रग इंस्पेक्टर कैलाश उरांव और चंदन कश्यप भवनाथपुर पहुंचकर विभिन्न दवा दुकानों की जांच कर रहे थे. जांच का मुख्य उद्देश्य दुकानों के लाइसेंस, दवाओं के रखरखाव, एक्सपायरी डेट तथा खरीद-बिक्री से संबंधित बिलों की जांच करना था. जैसे ही दुकानदारों को भनक लगी कि बजरंग मेडिकल, सद्भावना अस्पताल सहित अन्य दुकानों की जांच शुरू हो गयी है, पकड़े जाने या कानूनी कार्रवाई के भय से लगभग सभी दुकानों के शटर गिरा दिये गये. सूत्रों के अनुसार, हाल ही में उत्तर प्रदेश के बनारस में भारी मात्रा में कोडीन युक्त कफ सिरप पकड़े जाने के बाद झारखंड उच्च न्यायालय ने राज्य भर में मेडिकल दुकानों की कड़ी निगरानी और जांच का आदेश दिया है. इसी क्रम में भवनाथपुर में यह कार्रवाई की गयी. जांच पूरी होने के कुछ घंटे बाद कुछ दुकानदारों ने अपनी दुकानें दोबारा खोलीं. बजरंग मेडिकल के संचालक दामोदर प्रसाद गुप्ता ने बताया कि उनकी दुकान में भी जांच की गयी. इस दौरान नारकोटिक्स से संबंधित दवाओं के ब्योरे की विस्तृत जानकारी मांगी गयी. जांच में यह भी सामने आया कि कुछ दुकानों में बिना योग्य (डिग्रीधारी) व्यक्ति दवाइयां बेच रहे थे और कई दुकानों में आवश्यक दस्तावेजों व नियमों को लेकर कमियां पायी गयीं. प्रशासन ने ऐसे दुकानदारों पर आगे कार्रवाई के संकेत दिये हैं.
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