मुसहरों की जमीन अतिक्रमण मुक्त कराने का निर्देश

मुसहरों की जमीन अतिक्रमण मुक्त कराने का निर्देश

By SANJAY | May 29, 2025 9:31 PM

गढ़वा.

समाचार पत्र में प्रकाशित एक खबर पर संज्ञान लेकर सदर अनुमंडल पदाधिकारी संजय कुमार गुरुवार दोपहर को मेराल प्रखंड के बाना गांव स्थित मुसहर टोली पहुंचे. वह अपने साथ मेराल अंचल के सीओ यशवंत नायक को भी लेकर गये थे. यहां सर्वप्रथम उन्होंने स्थानीय बुजुर्गों से इस गांव के मुसहरों की पृष्ठभूमि, उनकी जमीन विवरणी, उनके परिवार जनों का विवरण और उनकी वर्तमान जीविका की स्थिति की जानकारी ली. स्थानीय बुजुर्ग भोला सिंह खरवार एवं अन्य लोगों से प्राप्त जानकारी के अनुसार इस इलाके में बीते 40-50 सालों से मुसहर समुदाय के लोग रह रहे हैं, जिन्हें बंदोबस्ती में जमीन भी मिली हुई थी. कालांतर में 8-10 मुसहर परिवारों में से कुछ परिवारों के सदस्य या तो मर गये या पलायन कर गये. धीरे-धीरे इनकी संख्या घटती गयी, आज यहां मौके पर तीन परिवार ही अस्थायी झोपड़ियां बनाकर रहते मिले. मुसहर परिवारों की जमीनों पर स्थानीय अनुसूचित जाति के कुछ परिवारों ने अवैध दखल कब्जा कर वहां पर या तो घर बना लिया है या जोत-कोड़ कर रहे हैं. अवैध कब्जा होने के बावजूद भी अभी लगभग एक एकड़ से अधिक भूमि खाली पड़ी है, जिस पर भविष्य में अवैध कब्जा न हो इसको लेकर अंचल अधिकारी मेराल यशवंत नायक को अनुमंडल पदाधिकारी ने आवश्यक कदम उठाने को कहा. साथ ही निर्देश दिया कि जिन लोगों ने मुसहर समुदाय की बंदोबस्त जमीन पर कब्जा कर लिया है, उन्हें चिह्नित कर वह नोटिस कर उनसे कागजात मांगे और जरूरी पड़े, तो नियमानुसार जमीन मुक्त भी करायें. आवास निर्माण सुनिश्चित करायें

भ्रमण के क्रम में एसडीएम को जानकारी मिली कि यहां के रामस्वरूप मुसहर तथा मनोज मुसहर के नाम से पहले से ही सरकारी आवास योजना के तहत आवास स्वीकृत हैं. किंतु उनके आवास निर्माण का काम शुरू नहीं हो सका है. इस पर एसडीएम ने मौके पर ही मेराल बीडीओ सतीश भगत को फोन पर निर्देश दिया कि वे अपनी निगरानी में समन्वयात्मक सहयोग से इन दोनों मुसहर परिवारों के पूर्व-स्वीकृत आवासों का निर्माण इसी हफ्ते शुरू करवाना सुनिश्चित करेंगे.

राशन उपलब्ध कराया, पढ़ने को प्रेरित कियाअनुमंडल पदाधिकारी तथा अंचल अधिकारी ने यहां के इन तीनों मुसहर परिवारों को मौके पर ही चावल उपलब्ध करवाया. एसडीएम ने रामस्वरूप मुसहर की 13 वर्षीय पुत्री से पढ़ाई लिखाई के बारे में पूछा और उसे प्रोत्साहित किया कि यदि वह पढ़ना चाहती है तो उसका प्रवेश कस्तूरबा गांधी विद्यालय या किसी अन्य विद्यालय में करवा दिया जायेगा. परिवारों के अन्य छोटे बच्चों को शिक्षा, स्वास्थ्य तथा अन्य कल्याणकारी सरकारी योजनाओं का लाभ देने के लिए बीडीओ मेराल को कहा गया.

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