Jharkhand: खत्म हो रही डेडलाइन, 40 हजार की ट्रेंकुलाइजर बुलेट हो गयी बर्बाद, अब भी पकड़ से बाहर तेंदुआ

5 जनवरी से भंडरिया वन क्षेत्र के अधीन रमकंडा प्रखंड के कुशवार गांव से शूटर ने तेंदुआ की तलाश का अभियान शुरू किया था. इसी समय से ट्रेंकुलाइजर बंदूक में हर दिन बुलेट डालकर बंदूक को अभियान के लिए तैयार किया जाता रहा.

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 22, 2023 12:42 PM

मुकेश तिवारी, रमकंडा. पिछले 11 दिसंबर को पलामू टाइगर रिजर्व (पीटीआर) से निकलकर गढ़वा जिले के दक्षिणी वन क्षेत्र वाले रंका रमकंडा व भंडरिया वन क्षेत्र के सेवाडीह, कुशवार व रोदो गांव में बच्चों को मारने वाला आदमखोर तेंदुआ को मारने के इस अभियान में अब तक 40 हजार की ट्रेकुलाइजर बुलेट बर्बाद हो चुकी है. वहीं आदमखोर तेंदुआ शूटर को चकमा देकर दो दिन पहले कुशवार से सीधे 50 किमी दूर दोबारा चिनिया चला गया. इन दिनों तेंदुआ ने वहां पर मवेशियों को निशाना बनाना शुरू कर दिया है. पीसीसीएफ वाइल्डलाइफ ने 31 जनवरी तक तेंदुआ को मारने का आदेश दिया है. ऐसे में तेंदुआ को मारने के लिए अब 10 दिन से भी कम का समय बचा है. उसके आगे के समय का आदेश पत्र में स्पष्ट उल्लेख नहीं है. लेकिन, अब तक शूटर नवाब शफत अली खान व वन विभाग की हर तरकीब को तेंदुआ ने नाकाम कर दिया है.

उल्लेखनीय है कि गत 5 जनवरी से भंडरिया वन क्षेत्र के अधीन रमकंडा प्रखंड के कुशवार गांव से शूटर ने तेंदुआ की तलाश का अभियान शुरू किया था. इसी समय से ट्रेंकुलाइजर बंदूक में हर दिन बुलेट डालकर बंदूक को अभियान के लिए तैयार किया जाता रहा. लेकिन आधा दर्जन बार कुशवार, जरही व बैरिया के क्षेत्र में तेंदुआ के रेंज से बाहर होने के कारण उसे ट्रेंकुलाइज नहीं किया जा सका. ऐसे में ट्रेंकुलाइजर बंदूक की बुलेट रोज बर्बाद होती चली गयी.

24 घंटे में एक्सपायर हो जाती है बुलेट

पशु चिकित्सक की सलाह पर ट्रेंकुलाइजर बुलेट में तेंदुआ को बेहोश करने के लिए किटामिन व जाइलीजिन की दो एमएल डोज ट्रेकुलाइजर बुलेट में मिलायी जाती है. जानवरों के वयस्क या अवयस्क होने के आधार पर इसका डोज कम या अधिक हो सकता है. इसकी कीमत करीब ढाई हजार रुपये तक है. बुलेट में मिलायी गयी यह दवा 24 घंटे बाद एक्सपायर हो जाती है. ऐसे में तेंदुआ को पकड़ने के लिए चलाये जा रहे अभियान में हर दिन ढाई हजार रुपये की दवा बर्बाद होती गयी. फिर भी तेंदुआ पकड़ से बाहर है.

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अब चिनिया में लोकेशन पता करने में जुटा वन विभाग

रमकंडा के बैरिया-कुशवार के जंगल में तेंदुआ का स्पष्ट लोकेशन तलाश चुके शूटर ने इसी क्षेत्र में उसे ट्रेंकुलाइज करने के लिए चारों तरफ से घेराबंदी शुरू की. कहीं बकरे, तो कहीं मुर्गा व सुअर को ऑटोमेटिक पिंजड़े में बांधकर तेंदुआ को पकड़ने की तैयारी की गयी. खुले में भी बकरे के मांस सहित सुअर को बांधा गया. लेकिन, तेंदुआ ने वन विभाग की तैयारियों को धता बताते हुए घरों में घुसकर बकरियों का शिकार करना जारी रखा.

संजय-डुबरी टाइगर रिजर्व से आएगी एक्सपर्ट की टीम

वन विभाग ने आदमखर तेंदुआ को पकड़ने के लिए मध्यप्रदेश के संजय-डुबरी टाइगर रिजर्व से मदद मांगी है. पलामू वन रीजन के आरसीसीएफ कुमार आशुतोष ने बताया कि संजय-डुबरी टाइगर रिजर्व की एक्सपर्ट टीम ने बीते दिनों तीन तेंदुआ को रेस्क्यू किया है. सभी तेंदुओं को केज के माध्यम से रेस्क्यू किया गया है. इसी को ध्यान में रख कर विभाग ने संजय-डुबरी टाइगर रिजर्व से एक्सपर्ट की टीम बुलायी है. एक्सपर्ट जल्दी ही गढ़वा पहुंच जायेंगे. उन्होंने स्पष्ट किया कि विभाग की प्राथमिकता तेंदुआ को जिंदा पकड़ने की है. विपरीत परिस्थिति में ही तेंदुआ को मारा जायेगा.

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