बालश्रम की रोकथाम के लिए करें नियमित छापेमारी

बालश्रम की रोकथाम के लिए करें नियमित छापेमारी

By Akarsh Aniket | August 20, 2025 9:39 PM

राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग के सदस्य ने पदाधिकारियों के साथ की बैठक – बैठक में बाल अधिकारों से जुड़े मुद्दों पर हुई चर्चा – ड्रॉपआउट बच्चों को चिह्नित कर पुन: शिक्षा से जोड़ने का दिया निर्देश – सभी विद्यालयों में सुझाव पेटी स्थापित करने का दिया आदेश प्रतिनिधि, गढ़वा झारखंड राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग के सदस्य उज्ज्वल प्रकाश तिवारी की अध्यक्षता में बुधवार को समाहरणालय सभागार में जिलास्तरीय बाल संरक्षण बैठक आयोजित की गयी. बैठक में विभिन्न विभागों के पदाधिकारियों ने भाग लिया और बाल अधिकारों के संरक्षण एवं सुरक्षा से जुड़े मुद्दों पर विस्तृत चर्चा की गयी. उज्जवल तिवारी ने कहा कि बच्चों के अधिकारों की रक्षा के लिए सभी विभागों को संवेदनशीलता के साथ कार्य करना होगा. उन्होंने शिक्षा विभाग को निर्देश दिया कि जिले के सभी बिना पंजीकृत स्कूलों का शीघ्र रजिस्ट्रेशन कराया जाए तथा ड्रॉपआउट बच्चों को चिह्नित कर पुनः शिक्षा से जोड़ा जाए. साथ ही, बच्चों के माता-पिता को मनरेगा योजना से जोड़ने पर भी बल दिया गया. आयोग सदस्य ने जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी को श्रम, आपूर्ति, स्वास्थ्य, शिक्षा एवं अन्य विभागों के साथ समन्वय स्थापित कर बाल मजदूरी की रोकथाम के लिए नियमित छापामारी करने को कहा. साथ ही, सभी प्रखंडों और नगर क्षेत्रों में बच्चों से संबंधित शिकायतों के लिए सुझाव पेटी लगाने का निर्देश दिया गया. जिला शिक्षा पदाधिकारी को भी सभी विद्यालयों में सुझाव पेटी स्थापित करने का आदेश दिया गया. ………… नियमित जांच अभियान चलाकर काटे चालान बैठक में उज्जवल तिवारी ने कहा कि आजकल 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चे भी बाइक से स्कूल आते-जाते हैं, जिससे दुर्घटनाओं की संभावना बढ़ जाती है. इस पर रोक लगाने के लिए उन्होंने जिला परिवहन पदाधिकारी को सभी स्कूलों के बाहर नियमित जांच अभियान चलाने और नियम तोड़ने वालों पर चालान काटने का निर्देश दिया. साथ ही, निजी स्कूलों के ड्राइवर व खलासी का कैरेक्टर सर्टिफिकेट अपडेट रखने और उन्हें पूर्ण यूनिफॉर्म में रहने को सुनिश्चित करने की बात कही. ………….. डेडिकेटेड बस स्टॉपेज की आवश्यकता उज्जवल तिवारी ने कहा कि अक्सर बस संचालक बच्चों को चलते-चलते बस से उतार देते हैं, जिससे दुर्घटनाओं की संभावना रहती है. इस पर रोक लगाने के लिए नगर निगम, ट्रैफिक विभाग, सीडब्ल्यूसी और अन्य विभागों को मिलकर बच्चों के लिए छह डेडिकेटेड बस स्टॉपेज विकसित करने का निर्देश दिया गया. उन्होंने सिविल सर्जन को भी 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को ब्लड डोनर से मुक्त रखने और जरूरत पड़ने पर उन्हें मुफ्त में रक्त उपलब्ध कराने का निर्देश दिया. …………….. बच्चों में मोबाइल की लत पर चिंता, जागरूकता कार्यक्रम चलाने का निर्देश बैठक में बच्चों में मोबाइल की बढ़ती लत पर चिंता जतायी गयी. इस पर रोकथाम के लिए सभी सरकारी और निजी विद्यालयों में जागरूकता कार्यक्रम चलाने का निर्देश दिया गया, ताकि बच्चे अपने भविष्य के प्रति सचेत और अनुशासित बन सकें. बैठक में उप विकास आयुक्त पशुपतिनाथ मिश्रा, पुलिस उपाधीक्षक यशोधरा, सिविल सर्जन डॉ जॉन एफ कैनेडी, जिला शिक्षा पदाधिकारी कैसर रजा, खेल पदाधिकारी दिलीप कुमार, जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी समेत विभिन्न विभागों के प्रतिनिधि उपस्थित थे.

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