एक लाख से अधिक किसान हैं इंतजार में

गढ़वा : एक तरफ जहां सरकारी स्तर से विभिन्न प्रकार के उपाय कर किसानों की आय दोगुनी करने का प्रयास किया जा रहा है. वहीं जमीनी स्तर इससे भिन्न है़ किसानों के खेतों की उर्वरा शक्ति बढ़ाने के उद्देश्य से मिट्टी की जांच किये जाने का प्रावधान है. लेकिन कृषि विभाग इसके प्रति गंभीर नहीं […]

By Prabhat Khabar Print Desk | July 2, 2019 2:29 AM

गढ़वा : एक तरफ जहां सरकारी स्तर से विभिन्न प्रकार के उपाय कर किसानों की आय दोगुनी करने का प्रयास किया जा रहा है. वहीं जमीनी स्तर इससे भिन्न है़ किसानों के खेतों की उर्वरा शक्ति बढ़ाने के उद्देश्य से मिट्टी की जांच किये जाने का प्रावधान है. लेकिन कृषि विभाग इसके प्रति गंभीर नहीं है.

मिट्टी जांच के लिए अभी लैब में एक भी सैंपल नहीं है. जांच करनेवाले पूरी तरह से खाली बैठे हुए है़. उल्लेखनीय है कि बीटीएम, एटीएम व किसान मित्र के स्तर से मिट्टी जांच के लिए लैब तक पहुंचती है़ लेकिन वे इसमें रुचि नहीं ले रहे है़. मिट्टी जांच को लेकर ग्रामीणों के बीच जागरूकता का भी अभाव देखने को मिल रहा है.

गढ़वा जिले में साल 2016 से जिलास्तर पर मिट्टी जांच की व्यवस्था की गयी है. इस दौरान 5635 सैंपलों की जांच की गयी है़, जबकि 25816 किसानों के बीच स्वायल हेल्थ कार्ड का वितरण किया गया है. 422540.76 हेक्टेयर भगौलिक क्षेत्रफल में फैले गढ़वा जिले में कृषि योग्य भूमि 184677.91 हेक्टेयर है. इस प्रकार अभी भी गढ़वा जिले में एक लाख से ज्यादा किसानों के खेतों की मिट्टी की जांच होनी बाकी है.

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