मांगों पर हो पहल, वरना जारी रहेगा आंदोलन

मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी को ज्ञापन भी सौंपा गया. जिले के सभी प्रखंडों और जिला कार्यालयों के पलाश कर्मी कार्य में योगदान नही दे रहे हैं. इस कारण बैंक से लिंक, सखी मंडल संचालन और दीदी बाड़ी जैसी महत्वपूर्ण योजनाएं पूरी तरह से रुक गयी है.

By NITIN KUMAR | November 22, 2025 7:01 PM

जेएसएलपीएसकर्मियों की बेमियादी हड़ताल शुरू, बोले संघ के जिलाध्यक्ष प्रतिनिधि, दुमका नगर राज्य आजीविका कर्मचारी संघ जिला इकाई दुमका ने 21 नवंबर को मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी द्वारा दिए गए आश्वासन पर कार्रवाई न होने के विरोध में राज्य आजीविका कर्मचारी संघ ने शनिवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दी है. मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी को ज्ञापन भी सौंपा गया. जिले के सभी प्रखंडों और जिला कार्यालयों के पलाश कर्मी कार्य में योगदान नही दे रहे हैं. इस कारण बैंक से लिंक, सखी मंडल संचालन और दीदी बाड़ी जैसी महत्वपूर्ण योजनाएं पूरी तरह से रुक गयी है. संघ के जिलाध्यक्ष टिंकू मंडल ने कहा कि आठ अक्तूबर को राज्य स्तरीय धरना-प्रदर्शन के दौरान सीइओ ने मुख्य मांगों पर सकारात्मक कार्रवाई का आश्वासन दिया था. इसके बाद संघ ने आंदोलन को 17 नवंबर तक के लिए स्थगित कर दिया था. समय सीमा बीत जाने के बावजूद विभाग की ओर से कोई भी ठोस, लिखित या संतोषजनक आदेश जारी नहीं किया गया है. कहा कि प्रबंधन का यह रवैया कर्मचारियों के साथ सीधा विश्वासघात और वादाखिलाफी है. इस कारण मजबूर होकर अनिश्चितकालीन हड़ताल का रास्ता अपनाना पड़ रहा है. वर्षों से कर्मी ग्रामीण क्षेत्र की सेवा दे रहे हैं, लेकिन उन्हें ही अपने भविष्य और आजीविका की सुरक्षा के लिए सड़क पर उतरना पड़ रहा है. हड़ताल में कर्मचारी संघ के टिंकू मंडल, सुनील कुमार गुप्ता, मेरी मुर्मू, कल्पना मुर्मू, निर्मल कुमार वैद्य, भोलानाथ गुप्ता और स्तर पांच एवं स्तर आठ के कर्मी उपस्थित थे. राज्यकर्मी का दर्जा देने व सेवा स्थायी करना है प्रमुख मागें कर्मियों की प्रमुख मांगों में जेएसएलपीएस को सोसाइटी एक्ट के दायरे से बाहर करते हुए सभी कर्मियों को राज्य कर्मी का दर्जा प्रदान कराने की है. कर्मियों ने कहा कि जेएसएलपीएस के कर्मी सरकारी योजनाओं जैसे मनरेगा कन्वर्जेंस, ग्रामीण आजीविका संवर्धन, महिला सशक्तीकरण आदि का पूर्णतः सरकारी दायित्वों का निर्वहन करते है. इनका कार्य अस्थायी नहीं, बल्कि राज्य के विकास के लिए स्थायी प्रकृति का है. इसलिए जब तक स्थायीकरण और वेतनमान लागू नहीं होता, तब तक सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशानुसार ”समान कार्य के लिए समान वेतन” के सिद्धांत को सुनिश्चित किया जाना चाहिए. कहा कि राज्य कर्मी का दर्जा मिलने से कर्मियों को सामाजिक सुरक्षा, भविष्य निधि और पेंशन जैसी बुनियादी सुविधाएं प्राप्त हो सकेगी, जो वर्तमान में अनिश्चित है. राज्य सरकार के कर्मियों की भांति जेएसएलपीएस कर्मियों ने भी तीन प्रतिशत वार्षिक वेतन वृद्धि सुनिश्चित कराने, महंगाई के अनुपात में वेतन वृद्धि कराने की मांग को पुरजोर तरीके से उठाया गया.

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