Chatra News: इस अधिकारी के खिलाफ चलेगी विभागीय कार्रवाई, डीसी ने इन आरोपों की वजह से की अनुशंसा

Chatra News: इटखोरी के पूर्व सीओ राम विनय शर्मा के खिलाफ विभागीय कार्रवाई चलेगी. डीसी रमेश घोलप ने इसकी अनुशंसा कर दी है. उनके खिलाफ बालू में घूस लेने समेत कई संगीन आरोप लगे थे.

By Sameer Oraon | February 28, 2025 1:41 PM

चतरा, मो. तसलीम : चतरा उपायुक्त रमेश घोलप ने इटखोरी के तत्कालीन अंचल अधिकारी राम विनय शर्मा पर आरोप पत्र गठित करते हुए विभागीय कार्रवाई की अनुशंसा की है. पूर्व विधायक किशुन दास ने वंशावली में छेड़छाड़, दस्तावेज की हेराफेरी, बालू में घूस लेने समेत अन्य कई संगीन आरोप लगाये थे. उन पर आरोप था कि वे अपने पद का दुरुपयोग करते हुए बिचौलियों के माध्यम से वसूली कर आम आवाम के कार्यों का निष्पादन करते हुए रजिस्टर-2 में छेड़छाड़ करते हैं. उन्होंने जमीन एकरारनामा स्टांप पेपर के आधार पर हल्का कर्मचारी के मिली भगत से दाखिल खारिज कर 20 डिसमील खोलकर सरकारी रसीद निर्गत कर दिया था.

कई आरोपों को देखते हुए बनायी गयी थी जांच टीम

इसके अलावा अंचल अधिकारी राम विनय शर्मा 50 एकड़ गैर मजरूआ जमीन अपने एजेंट सुमंत राय के साथ मिलकर बंदोबस्ती कर दी. जमीन का जाली वासगीत पर्चा बनाकर डिमांड खोला गया है. ट्रैक्टर मालिकों से बालू ढुलाई के एवज में पांच हजार रुपया अवैध राशि वसूलने जैसे आरोप लगे थे. इस संबंध में तत्कालीन उपायुक्त ने मामले को गंभीरता से लेते हुए आरोपों की जांच को लेकर अपर समाहर्ता के नेतृत्व में एक जांच टीम बनाई थी.

प्रभात खबर की प्रीमियम स्टोरीChild Mental Health : बच्चे हो रहे हैं दबंग, रेप और आत्महत्या करने में भी नहीं करते संकोच, जानिए क्या है वजह

जांच के आधार पर सीओ राम विनय शर्मा से मांगा गया था स्पष्टीकरण

जांच टीम में अपर समाहर्ता के अलावा सदर अनुमंडल पदाधिकारी और भूमि सुधार उप समाहर्ता शामिल थे. सदस्यों ने सभी पहलुओं की बारीकी से जांच की. जबकि कई लोगों का मौखिक बयान भी लिया गया. उसके बाद जांच दल में शामिल अधिकारियों ने जांच प्रतिवेदन उपायुक्त को सौंपा. जांच प्रतिवेदन के आधार पर सीओ राम विनय शर्मा को स्पष्टीकरण पूछा गया.

उपायुक्त रमेश घोलप ने स्पष्टीकरण स्वीकार योग्य नहीं पाया

उपायुक्त रमेश घोलप ने तत्कालीन अंचलाधिकारी राम विनय शर्मा के विरुद्ध आरोपों की गंभीरता को देखते हुए उनके द्वारा समर्पित स्पष्टीकरण स्वीकार योग्य नही पाया. उक्त कृत्य लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम-1951 के विभिन्न परिनियमों का उल्लंघन और सरकारी लोक सेवक आचरण नियमावली 2001 के साथ-साथ झारखंड सेवा संहिता के तहत आरोप पत्र गठित करते हुए विभागीय कार्रवाई की अनुशंसा की है. बता दें कि गलत जमाबंदी व दाखिल खारिज के आरोप में थाना में उनके खिलाफ मामला दर्ज है.

झारखंड की खबरें यहां पढ़ें