ब्लैक टाइगर बना फुटबॉल टूर्नामेंट का चैंपियन
काठीकुंड के आमगाछी में 17वां शहीद दिवस मनाया गया. समाधि स्थल पर विस्थापन विरोधी आंदोलन की नेत्री, मृतक प्रदर्शनकारियों के परिजन ने श्रद्धासुमन अर्पित किया.
काठीकुंड. सत्रह साल पहले वर्ष 2008 में काठीकुंड प्रखंड के आमगाछी में पावर प्लांट के विरोध के दौरान पुलिस और प्रदर्शनकारियों की भिड़ंत में शहीद हुए लुखीराम टुडू और साईगत मरांडी की स्मृति में लगातार 17वें वर्ष शहीद दिवस मनाया गया. आमगाछी, दलदली व पोखरिया सीमा स्थित समाधि स्थल पर विस्थापन विरोधी आंदोलन की नेत्री मुन्नी हांसदा, प्रखंड उप प्रमुख अल्बिनुस किस्कू, मृतक प्रदर्शनकारियों के परिजन और ग्रामीणों ने श्रद्धासुमन अर्पित किया. आंदोलन नेत्री मुन्नी हांसदा ने कहा कि वह काला दिन हम कभी नहीं भूल सकते, जब अपनी जमीन की रक्षा के लिए निकले शिकारीपाड़ा और काठीकुंड के निहत्थे ग्रामीणों पर पुलिस ने गोलियां बरसायी थीं. शहीद दिवस के उपलक्ष्य में जल, जंगल, जमीन रक्षा समिति दलदली द्वारा दो दिवसीय फुटबॉल प्रतियोगिता का आयोजन किया गया. फाइनल मुकाबला ब्लैक टाइगर और एफसी सालदहा के बीच खेला गया, जिसमें ब्लैक टाइगर ने सालदहा को 1 गोल से हराकर विजेता का खिताब हासिल किया. सेमीफाइनल चरण से एफसी सरायदहा ने तीसरा स्थान और एफसी सोरेन स्टार ने चौथा स्थान प्राप्त किया. पुरस्कार वितरण समारोह में प्रथम पुरस्कार 20 हजार रुपये आंदोलन नेत्री मुन्नी हांसदा द्वारा विजेता टीम ब्लैक टाइगर को प्रदान किया गया. द्वितीय पुरस्कार 15 हजार रुपये प्रखंड उपप्रमुख अल्बिनुस किस्कू द्वारा उपविजेता टीम एफसी सालदहा को दी गयी. तीसरा पुरस्कार 7000 रुपये कालाझर पंचायत के पूर्व मुखिया जर्मेन हांसदा ने एफसी सरायदहा को तथा चौथा पुरस्कार 7000 रुपये झामुमो कार्यकर्ता मोइनुद्दीन अंसारी ने एफसी सोरेन स्टार को प्रदान किया. इसी अवसर पर आमगाछी मैदान में मेले का आयोजन भी किया गया था, जिसमें मिठाइयों, बच्चों के खिलौनों और विविध सामानों की दुकानों की रौनक देखने को मिली. मेले में हजारों की संख्या में लोगों की भीड़ उमड़ी.
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