क्रोध मनुष्य का सबसे बड़ा शत्रु : नीरज कृष्ण शास्त्री

दुमका के गोशाला में चल रहे भागवत कथा के छठे दिन वृंदावन से आए पंडित नीरज कृष्ण शास्त्री ने लोगों को क्रोध से बचने का सुझाव दिया.

By RAKESH KUMAR | March 24, 2025 11:26 PM

प्रतिनिधि, दुमका नगर दुमका के गोशाला में चल रहे भागवत कथा के छठे दिन वृंदावन से आए पंडित नीरज कृष्ण शास्त्री ने लोगों को क्रोध से बचने का सुझाव दिया. उन्होंने कहा कि क्रोध से मनुष्य का विवेक नष्ट हो जाता है. इसलिए मनुष्य को इससे बचकर रहना चाहिए. विष्णुपुराण का जिक्र करते हुए कहा कि क्रोध ही मनुष्य का सबसे बड़ा शत्रु है. उन्होंने माचिस की तीली का भी उदाहरण देते हुए कहा कि एक तीली में इतनी चिंगारी होती हैं कि वह सबकुछ जलाकर राख कर सकती है,इसलिए क्रोध से दूर रहना चाहिए. उन्होंने कथा में कहा कि भगवान इंद्र को भी क्रोध हुआ था, जिसके कारण वे पूरे गोकुल पर भारी वर्षा कराकर डूबो देना चाहते थे, लेकिन भगवान श्रीकृष्ण ने अपनी अंगुली पर गोवर्धन पर्वत को उठाया और पूरे गोकुल की रक्षा की और साथ ही इंद्र देव का भी घमंड को तोड़ा साथ ही उनके क्रोध को शांत किया. भागवत कथा को सुनने के लिए काफी संख्या में श्रोता मौजूद थे.

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