उलटफेर के लिए चर्चित रही है यह सीट, अबकी बार प्रत्याशियों की भरमार, जानें जरमुंडी विधानसभा क्षेत्र का लेखा-जोखा

आनंद/आदित्य कुल वोटर 223094 पुरुष वोटर 117357 महिला वोटर 105737 दुमका : जरमुंडी विधानसभा क्षेत्र 1962 में स्वतंत्र रूप से अस्तित्व में आया था. इससे पहले 1952 में पोड़ैयाहाट-जरमुंडी विधानसभा क्षेत्र जुड़ा था, जहां से सामान्य से एक और अजजा से दूसरे सदस्य का चुनाव किया जाता था. बिहार विधानसभा के प्रथम चुनाव में इस […]

By Prabhat Khabar Print Desk | December 12, 2019 7:37 AM
आनंद/आदित्य
कुल वोटर
223094
पुरुष वोटर
117357
महिला वोटर
105737
दुमका : जरमुंडी विधानसभा क्षेत्र 1962 में स्वतंत्र रूप से अस्तित्व में आया था. इससे पहले 1952 में पोड़ैयाहाट-जरमुंडी विधानसभा क्षेत्र जुड़ा था, जहां से सामान्य से एक और अजजा से दूसरे सदस्य का चुनाव किया जाता था.
बिहार विधानसभा के प्रथम चुनाव में इस संयुक्त विधानसभा क्षेत्र से सामान्य से कांग्रेस के जगदीश नारायण मंडल व अजजा से झारखंड पार्टी की चुनका हांसदा विधायक चुने गये थे. तब इस क्षेत्र में गोड्डा अनुमंडल का पोड़ैयाहाट प्रखंड व दुमका अनुमंडल का जरमुंडी प्रखंड जुड़ा हुआ था.1957 में जरमुंडी प्रखंड को अलग कर दो सदस्य दुमका विधानसभा दुमका विधानसभा से जोड़ दिया गया. इस चुनाव में सामान्य कोटि से झापा के टिकट पर सनाथ राउत और बेंजामिन हांसदा निर्वाचित हुए. 1962 में स्वतंत्र रूप से जरमुंडी विधानसभा क्षेत्र पहली बार सामान्य सीट के तौर पर अस्तित्व में आया.
कांग्रेस के टिकट पर श्रीकांत झा विधायक चुने गये थे.1985 में भाजपा से मैदान में उतरे अभयकांत प्रसाद पहली बार भाजपा का परचम लहराने में सफल रहे. 2000 के चुनाव में झामुमो छोड़ भाजपा में शामिल हुए देवेंद्र लगातार दूसरी बार इस क्षेत्र से चुनाव जीते थे. 2005 में भाजपा के देवेंद्र को हरिनारायण राय ने हराया और मंत्री भी बने. 2009 में भी हरिनारायण राय का इस सीट पर कब्जा बरकरार रहा. 2014 में लंबे अरसे के बाद कांग्रेस की वापसी हुई.
बादल झामुमो के हरिनारायण राय को शिकस्त देकर विधायक बने. जरमुंडी में ही विश्व प्रसिद्ध बासुकिनाथ मंदिर है, जहां हर साल लाखों श्रद्धालु पहुंचते हैं. पर सुविधाएं अब तक नगण्य है. अच्छी खेती होती है, पर कोल्ड स्टोरेज व पटवन की सुविधा का अभाव है.
तीन महत्वपूर्ण कार्य जो हुए
1. घर-घर में बिजली पहुंची
2. क्षेत्र में डिग्री कॉलेज खुला
3. कई नयी सड़कें बनायी गयी
तीन महत्वपूर्ण कार्य जो नहीं हुए
1. जरमुंडी नही बन सका अनुमंडल
2. सिंचाई सुविधा विकसित नहीं हुई
3. बासुकिनाथ का विकास नहीं हो पाया
कई विकास कार्य हुए : बादल
विधायक बादल पत्रलेख ने कहा कि जरमुंडी विधानसभा क्षेत्र में विकास के कई काम हुए हैं. क्षेत्र के सर्वांगीण विकास के लिए सदन में सरकार के साथ हमेशा नोक-झोंक होती रही. क्षेत्र में सड़कों की जाल बिछायी, पेयजल व बिजली की व्यवस्था की गयी.
जनता से दूर बादल : हरिनारायण
हरिनारायण राय ने कहा कि चुनाव जीतने के बाद जरमुंडी के विधायक ने जनता से दूरी बना ली. चुनाव आते ही क्षेत्र में फिर सक्रिय हो गये. किये गये वायदे को भी पूरा नहीं किया है. जनता चुनाव में वोट के माध्यम से इसका जवाब देगी. धरातल पर कुछ भी विकास कार्य नहीं हुआ
2005
जीते : हरिनारायण राय,निर्दलीय
प्राप्त मत : 28480
हारे : हारे-देवेंद्र कुंवर, भाजपा
प्राप्त मत : 22171
तीसरा स्थान : चक्रधर यादव, राजद
प्राप्त मत : 8884
2009
जीते : हरिनारायण राय, निर्दलीय
प्राप्त मत : 33512
हारे : देवेंद्र कुंवर, झामुमो
प्राप्त मत : 23025
तीसरा स्थान : बादल, कांग्रेस
प्राप्त मत : 17955
2014
जीते : बादल, कांग्रेस
प्राप्त मत : 43981
हारे : हरिनारायण राय, झामुमो
प्राप्त मत : 41273
तीसरा स्थान : अभयकांत प्रसाद, भाजपा
प्राप्त मत : 29965

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