Dhanbad News: आदिवासी आक्रोश महारैली: कुड़मी को एसटी में शामिल करने का विरोध

Dhanbad News: दोपहर 12.50 बजे गोल्फ ग्राउंड से रैली की शुरुआत होते ही पूरा शहर उनके नारों से गूंज उठा. रैली में बच्चें, युवा, बुजुर्गों के साथ महिलाओं ने भी बड़ी संख्या में हिस्सा लिया.

By MAYANK TIWARI | October 14, 2025 1:36 AM

आदिवासियों के अधिकारों पर हमला करना बंद करो, कुड़मी-महतो को आदिवासी कहना बंद करो, बाबा तिलका मांझी अमर रहें…सरीखे नारे लगाते हुए पारंपरिक परिधान व तीर-धनुष, हसुआ, तलवार, कुल्हाड़ी आदि हथियारों के साथ सरना झंडा लिए आदिवासी समाज के हजारों लोग सोमवार को सड़क पर उतरे. मौका था आदिवासी समन्वय समिति के नेतृत्व में निकाले गये आदिवासी आक्रोश महारैली का. दोपहर 12.50 बजे गोल्फ ग्राउंड से रैली की शुरुआत होते ही पूरा शहर उनके नारों से गूंज उठा. रैली में बच्चें, युवा, बुजुर्गों के साथ महिलाओं ने भी बड़ी संख्या में हिस्सा लिया.

महारैली रणधीर वर्मा चौक होते हुए मेमको मोड़ पहुंची. यहां सोनोत संताल समाज के लोग सड़क पर बैठ गये. बाद में एसडीएम राजेश कुमार लोगों के बीच पहुंचे और उनके साथ सड़क पर बैठकर उनकी मांगों को सुनी. समाज के लोगों ने उन्हें ज्ञापन सौंपा. वहीं आदिवासी समन्वय समिति के एक प्रतिनिधि मंडल उपायुक्त कार्यालय पहुंच कर उपायुक्त आदित्य रंजन को ज्ञापन सौंपा. इसके बाद सभी मेगा स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में आयोजित महाजनसभा में शामिल हुए. कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे रतन मरांडी कहा कि यह रैली आदिवासी समाज के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है. क्योंकि कुड़मी समुदाय के लोग आदिवासी बनने के लिए असंवैधानिक तरीके से आंदोलन कर रहे हैं, इसके साथ ही आदिवासी समाज और उनके अधिकारों पर आक्रमण कर रहे हैं.

सोशल मीडिया पर आदिवासी समाज के प्रति अभद्र टिप्पणियों से आक्रोश

समिति के महासचिव अलसा सोरेन ने कहा कि कुडमी समुदाय द्वारा सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर आदिवासी समाज के खिलाफ अभद्र टिप्पणियां और गाली-गलौज से आदिवासी समाज में गहरी नाराजगी है. मनमोहन हेम्ब्रम ने कहा कि टीआरआई की रिपोर्ट के अनुसार कुड़मी समुदाय 1965 के पांच मापदंडों में से कोई भी मापदंड पूरा नहीं करता है. गोबिंद टुडू, प्रवीण हांसदा ने आरोप लगाया कि कुड़मी समुदाय द्वारा आदिवासियों इतिहास में बदलाव किया गया. उन्होंने भूमिज आंदोलन के नायक रघुनाथ सिंह मुंडा के स्थान पर रघुनाथ महतो, कोल विद्रोह के महानायक वीर वुधु भगत के स्थान पर बूली महतो, और हूल विद्रोह के नायकों सिद्धू-कान्हू के स्थान पर चुनकू महतो के नामों को गलत तरीके से जोड़े जाने की कड़ी आलोचना की.

झारखंड को मणिपुर ना बनायें, संस्कृति व अधिकार की रक्षा के लिए हम हमेशा तैयार हैं : ज्योत्सना

ज्योत्सना केरकेट्टा ने कहा कि महारैली के माध्यम से राज्य व केंद्र सरकार को हमने स्पष्ट किया है कि आदिवासी समाज अपनी भूमि, संस्कृति और अधिकारों की रक्षा के लिए हमेशा तैयार रहेगा. झारखंड को मणिपुर बनाने का प्रयास न करें. रैली का संचालन प्रवीण हांसदा, गोबिंद टुडू, मनमोहन हेम्ब्रम, और अलसा सोरेन ने किया. मुख्य वक्ताओं में शशि पन्ना, ज्योत्सना केरकेट्टा, निशा भगत, बिरेंद्र हांसदा, रूबीश्वर मरांडी, बिक्रम मुर्मू, रायमुनी देवी, समीर मरांडी, आरती बेसरा, प्रमोद हेम्ब्रम, और विनय मुर्मू ने सभा को संबोधित किया.

झारखंड की मूल पहचान और जातीय संरचना को भी प्रभावित होगा

सोनोत संताल समाज के केन्द्रीय कोषाध्यक्ष रतिलाल टुडू ने कहा झारखंड राज्य अपनी आदिवासी पहचान और संघर्ष की भूमि के रूप में प्रसिद्ध है. इन दिनों एक नयी सामाजिक बहस के केंद्र में है. महतो या कुड़मी समुदाय को अनुसूचित जनजाति में शामिल करने की मांग न केवल सामाजिक-राजनीतिक दृष्टि से गैर-संवैधानिक है, बल्कि झारखंड की मूल पहचान और जातीय संरचना को भी प्रभावित करने वाली है. मौके पर सनातन सोरेन, अनिल टुडू , संजय सोरेन, गुरुचरण बास्की, लक्ष्मी मुर्मु , राजेन्द्र किस्कू, सूरजकांत सोरेन, संदीप हांसदा, अरुण हेंब्रम, संजय मरांडी, सुशील हेंब्रम, करमचंद सोरेन, फूलचंद किस्कू, प्रशांत हेंब्रम, धुतुलाल सोरेन, अनिल टुडू, मनमोहन टुडू, मानसाराम मुर्मू , सुनीजन हांसदा, महालाल सोरेन, रविशंका वास्की आदि उपस्थित थे.

टाेटो, ऑटो व वाहनों से पहुंचे थे लोग, मांदर के थाप ने बढ़ाया उत्साह

महारैली में शामिल होने के लिए सुबह से ही लोग पहुंचने लगे थे. इस दौरान हटिया मोड़ के पास और एसली रोड में सड़क के दोनों तरफ वाहन खड़े कर लोग गोल्फ ग्राउंड में पहुंचे. दोपहर 12 बजे तक हजारों की संख्या में लोगों का जुटान गोल्फ ग्राउंड में हुआ. रैली में एक सौ से भी अधिक लोग मादर लेकर पहुंचे थे. इससे लोगों का उत्साह बढ़ा रहे थे.

जाम की वजह से लोगों परेशानी का करना पड़ा सामना

महारैली के कारण लगे जाम से लोगों को परेशानी झेलनी पड़ी. एलसी रोड के दोनों तरफ वाहनों के खड़ा रहने के कारण सिटी सेंटर मोड़ में तीनों तरफ जाम लगा रहा. यातायात के जवान जाम में ट्रैफिक व्यवस्था संभालते दिखे. गोल्फ ग्राउंड से महारैली निकलने के बाद एलसी रोड में वाहनों के प्रवेश पर रोक लगा दी गयी. इसके साथ ही हीरापुर सब स्टेशन के बगल से एलसी रोड जाने वाले रास्ते को बंद कर दिया गया. रैली के रणधीर वर्मा चौक पहुंचने के बाद रणधीर वर्मा चौक पर जाम लग गया. यहां से महारैली के मेमको मोड़ पहुंचने के बाद समाज के लोग सड़क पर बैठक गये. इसके कारण चारों तरफ से जाम लग गया. करीब एक घंटे बैठे रहने के बाद एसडीएम को ज्ञापन सौंपने के बाद लोग वहां से उठ कर स्टेडियम गये.

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