Dhanbad News: खनन अपशिष्टों में छिपे अवसरों का तकनीकी समाधान विकसित करें : संजीव कुमार

Dhanbad News: आइआइटी. शताब्दी सप्ताह महोत्सव के तीसरे दिन पर्यावरण संरक्षण व नवीकरणीय ऊर्जा पर मंथन

By OM PRAKASH RAWANI | December 6, 2025 2:17 AM

राष्ट्रीय सेमिनार का उद्घाटन करते अतिथि और विशेषज्ञ.

Dhanbad News: आइआइटी. शताब्दी सप्ताह महोत्सव के तीसरे दिन पर्यावरण संरक्षण व नवीकरणीय ऊर्जा पर मंथनDhanbad News: आइआइटी आइएसएम का शताब्दी स्थापना सप्ताह का तीसरा दिन शुक्रवार को पर्यावरण संरक्षण और सतत नवीकरणीय ऊर्जा के नाम रहा. इस दौरान पेनमैन सभागार में ‘टेक्नोलॉजिकल एडवांसमेंट्स इन वेस्ट मैनेजमेंट: चैलेंजेज एंड अपॉर्च्युनिटीज’ (टीएडब्ल्यूएमसीओ-2025) के दूसरे राष्ट्रीय सम्मेलन का शुभारंभ किया गया. उद्घाटन सत्र में हिंदुस्तान कॉपर लिमिटेड के सीएमडी संजीव कुमार सिंह मुख्य अतिथि थे. यूपी के पूर्व मुख्य सचिव डीएस मिश्रा मुख्य वक्ता तथा डबलिन सिटी यूनिवर्सिटी, आयरलैंड के प्रो विजई के गुप्ता विशिष्ट अतिथि थे. कार्यक्रम की अध्यक्षता आइआइटी आइएसएम के निदेशक प्रो सुकुमार मिश्र ने की. इस सम्मेलन का आयोजन इंवायरेंट इंजीनियरिंग विभाग द्वारा किया गया. प्रो विपिन कुमार के स्वागत भाषण दिया. इसके बाद प्रो आलोक सिन्हा, विभागाध्यक्ष इसीइ ने वेस्ट मैनेजमेंट और सतत ऊर्जा की चुनौतियों पर अपने विचार रखे.

भारत के सतत विकास की रीढ़ है कॉपर

राष्ट्रीय सेमिनार में मुख्य अतिथि एचसीएल के सीएमडी संजीव कुमार सिंह ने कहा कि कॉपर भारत के सतत विकास की रीढ़ है. उन्होंने कहा कि इलेक्ट्रिक वाहनों, नवीकरणीय ऊर्जा और इंफ्रास्ट्रक्चर निर्माण में कॉपर की भूमिका अनिवार्य है. कहा : हिंदुस्तान कॉपर लिमिटेड टेलिंग प्रबंधन, वेस्ट री-प्रोसेसिंग और रीसाइक्लिंग इनोवेशन पर तेजी से काम कर रहा है. उन्होंने शोधकर्ताओं से कहा कि खनन अपशिष्ट में छिपे विशाल अवसरों को समझें और उस पर आधारित तकनीकी समाधान विकसित करें. उन्होंने 2047 तक भारत के लक्ष्यों को समर्थन देने की प्रतिबद्धता दोहरायी.

टेक्समिन आइआइटी आइएसएम की वैश्विक प्रतिष्ठा मजबूत कर रहा है : प्रो मिश्र

प्रो सुकुमार मिश्र ने कहा कि आइआइटी आइएसएम का 100 वर्ष पूरा होना उसके ‘प्रौढ़ फेज’ में प्रवेश की शुरुआत है. इस चरण में संस्थान पर राष्ट्रीय अपेक्षाएं और भी अधिक बढ़ जाती हैं. उन्होंने कहा कि अब समय इंटरडिसिप्लिनरी रिसर्च, क्वांटिफिकेशन आधारित अध्ययन और नए इनोवेटिव फ्रेमवर्क को आगे बढ़ाने का है. उन्होंने टेक्समिन जैसी उभरती रिसर्च पहल को संस्थान की वैश्विक पहचान मजबूत करने वाला बताया. प्रो मिश्र ने टेक्समिन जैसे प्लेटफॉर्म को आइआइटी आइएसएम की वैश्विक प्रतिष्ठा मजबूत करने वाला प्रयास बताया. उन्होंने युवा शोधकर्ताओं से कहा कि ऐसे शोध क्षेत्रों का चयन करें, जो आने वाले वर्षों में भारत के विकास पथ को गति दें.

कचरा कोई समस्या नहीं, अपरिमित संपदा है : प्रो विजई के गुप्ता

सम्मेलन में प्रो विजई के गुप्ता ने कहा कि कचरा कोई समस्या नहीं, बल्कि अपरिमित संपदा है. आधुनिक तकनीकों से कचरे को ऊर्जा, ईंधन और बायोमटेरियल में बदला जा सकता है. उन्होंने दुनिया भर में अपनायी गयी थर्मोकेमिकल, बायोकेमिकल और माइक्रोबियल तकनीकों का उदाहरण प्रस्तुत किया, जिससे घरेलू, औद्योगिक और फार्मास्यूटिकल कचरे को मूल्यवान उत्पादों में बदला जा रहा है. उन्होंने भारत में एआइ संचालित वेस्ट सॉर्टिंग, एडवांस रीसाइक्लिंग सिस्टम और मजबूत रिसर्च प्लेटफॉर्म विकसित करने की जरूरत बतायी. प्रो गुप्ता ने कहा कि वैज्ञानिक जिज्ञासा जगाने में शिक्षक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं और वही वेस्ट-टू-वेल्थ की सोच को समाज में व्यापक बना सकते हैं.

स्वच्छ भारत अभियान से वेस्ट मैनेजमेंट में आया बड़ा बदलाव : डीएस मिश्रा

यूपी के पूर्व मुख्य सचिव डीएस मिश्रा ने कहा कि स्वच्छ भारत अभियान से देश में वेस्ट मैनेजमेंट में बड़ा बदलाव आया है. अब दुनिया कचरे को अवसर के रूप में देख रही है. उन्होंने कहा कि प्रकृति कोई कचरा नहीं बनाती, मनुष्य बनाता है, इसलिए रिड्यूस, रीयूज और रीसाइक्लिंग को जीवनशैली का हिस्सा बनाना होगा. मिश्रा ने प्लास्टिक के जिम्मेदार उपयोग, बायोगैस जैसे वेस्ट-टू-वेल्थ विकल्प और प्रकृति आधारित समाधानों को बढ़ावा देने पर जोर दिया. कहा कि भारत को सर्कुलर इकोनॉमी की ओर तेजी से बढ़ना चाहिए, ताकि संसाधनों का बेहतर संरक्षण हो और पर्यावरणीय दबाव घटे.

विभिन्न विभागों का चला पैनल डिस्कशन

दिन भर कैंपस में विभिन्न विभागों द्वारा पैनल डिस्कशन, प्लेनरी सत्र और इनोवेशन प्रस्तुत किये गये. कंप्यूटर साइंस, मैथमेटिक्स एंड कंप्यूटिंग, इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन तथा फिजिक्स विभागों ने अपनी उपलब्धियां और तकनीकी नवाचारों को साझा किया. एआइ आधारित डिजिटल ट्विन डैशबोर्ड डेमो, स्कोलोमिन क्लब द्वारा वरिष्ठ छात्रों के लिए इवेंट्स, बच्चों के लिए एक्टिविटी सेंटर और मंथन द्वारा सांस्कृतिक प्रस्तुतियां आकर्षण रहीं. कार्यक्रम का समापन प्रो एमके जैन के धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ.

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