मुश्किल था कोविड-19 अस्पताल खाली कराना, बोले धनबाद के उपायुक्त उमाशंकर सिंह

दो माह के दौरान धनबाद जिला में कोरोना से ग्रसित मरीजों के उपचार के लिए 905 बेडों की व्यवस्था करना आसान काम नहीं था. इसके लिए सख्ती भी दिखानी पड़ी. डॉक्टरों को उत्साहित भी करना पड़ा.

By Prabhat Khabar | September 25, 2020 1:46 PM

संजीव झा, धनबाद : दो माह के दौरान धनबाद जिला में कोरोना से ग्रसित मरीजों के उपचार के लिए 905 बेडों की व्यवस्था करना आसान काम नहीं था. इसके लिए सख्ती भी दिखानी पड़ी. डॉक्टरों को उत्साहित भी करना पड़ा. कंपनियों के साथ सामांजस्य भी स्थापित करना पड़ा. साथ ही डेडिकेटेड कोविड (सेंट्रल) अस्पताल को खाली करा कर उसे नये स्तर से तैयार कराने का फैसला काफी चुनौतीपूणर्ण था. इस दौरान क्वालिटी व रफ्तार (समय सीमा) से समझौता नहीं किया. यह कहना है उपायुक्त उमाशंकर सिंह का.

प्रभात खबर से बातचीत में कहा कि कोरोना काल में यहां के उपायुक्त का प्रभार संभालने के बाद सबसे बड़ी चुनौती कोविड मरीजों के लिए बेड उपलब्ध कराने की थी. यहां केवल एक अस्पताल में एक सौ बेड ही थे. जिस तेजी से कोरोना संक्रमण बढ़ रहा था. उसको देखते हुए अतिरिक्त बेड की व्यवस्था करने की योजना बनायी. आज धनबाद जिला में 1005 बेड उपलब्ध है. साथ ही 60 बेड का आइसीयू भी रहेगा. इसमें एसएनएमएमसीएच में 30 बेड का आइसीयू चल रहा है. कोविड अस्पताल में 30 बेड का आइसीयू भी जल्द शुरू हो जायेगी.

21 डॉक्टरों ने ले ली थी छुट्टी : उपायुक्त के अनुसार यहां समीक्षा के दौरान पाया कि 21 डॉक्टरों ने विभिन्न कारणों से कोविड अस्पताल से ड्यूटी से नाम कटवा लिया था. बीपी, सुगर सहित अन्य बीमारियों का हवाला देकर ड्यूटी नहीं कर रहे थे. ऐसे डॉक्टरों को भी ड्यूटी में लगाया. सर्किट हाउस में टेली मेडिसीन स्टूडियो बनवाया. वहां पर ऐसे बीमार डॉक्टरों की ड्यूटी लगायी गयी. जो ऑनलाइन चिकित्सीय परामर्श दे रहे हैं.

तीन अस्पतालों में ऑक्सीजन की व्यवस्था : श्री सिंह के अनुसार थोड़े कम गंभीर कोविड मरीजों के लिए कैथ लैब में 20, सदर अस्पताल तथा जोनल ट्रेनिंग सेंटर भूली स्थित कोविड केयर सेंटर में 10-10 ऑक्सीजन सिलिंडर की व्यवस्था की गयी है. ताकि अगर किसी का ऑक्सीजन लेवल कुछ कम होता है तो उन्हें ऑक्सीजन दे कर स्थिति सुधारी जा सके. कोविड आइसीयू का बोझ कम किया जा सके.

कैथ लैब में एचएनएफसी सुविधा युक्त आइसीयू : उपायुक्त ने कहा कि एसएनएमएमसीएच के बेकार पड़े कैथ लैब में कोविड केयर सेंटर व आइसीयू शुरू करने का पहले कुछ डॉक्टरों ने विरोध किया. कई तकनीकी अड़चनों का हवाला दिया. लेकिन, आपदा को देखते हुए सारी आपत्तियों को दर किनार कर इन दोनों को चालू कराया गया. वहां के आइसीयू में एचएनएफसी जैसे संयंत्र है जो मरीजों के ऑक्सीजन लेवल को बढ़ाने में काफी सहायक होता है. जीवन रक्षक दवाइयां मंगायी गयी. इसी तरह की सुविधा कोविड अस्पताल के आइसीयू में भी होगी.

डॉक्टरों की टीम ने की कड़ी मेहनत : एक सवाल के जवाब में कहा कि धनबाद में डॉक्टरों के सहयोग के लिए पहले आइएमए से सूची मांगी गयी. लेकिन, आइएमए का रूख सहयोगात्मक नहीं था. फिर अपनी टीम को मोटिवेट कर काम कराया. यहां मेडिसीन विभाग के एचओडी डॉ यूके ओझा, आर्थो के डॉ डीपी भूषण, सिविल सर्जन डॉ गोपाल दास, सदर अस्पताल के नोडल पदाधिकारी डॉ राजकुमार सिंह जैसे डॉक्टरों की टीम बनायी. उनकी हौसला अफजाई कर काम कराया जा रहा है. आज स्थिति यह है कि धनबाद के मरीजों को अब बाहर रेफर करने की जरूरत नहीं के बराबर पड़ रही है.

  • कोरोना से मुकाबले में क्वालिटी व रफ्तार से समझौता नहीं किया

  • दो माह में नौ सौ बेड की व्यवस्था करने में हुई कई परेशानी

  • डॉक्टरों के साथ सामंजस्य स्थापित कर बदली स्थिति

कोविड अस्पताल में बरती जा रही थी चिकित्सीय लापरवाही

उपायुक्त ने कहा कि कोविड अस्पताल में चिकित्सीय लापरवाही की लगातार शिकायतें मिल रही थी. कई बार बोलने के बावजूद सुधार नहीं हो रहा था. गंभीर रूप से बीमार मरीजों को भी विटामिन व अन्य दवाइयां दी जा रही थी. इससे कुछ की मौत भी हो गयी. इससे व्यक्तिगत रूप से बहुत व्यथित हो रहा था. प्रशासनिक जांच में लापरवाही उजागर होने के बाद बीसीसीएल प्रबंधन को कड़ा पत्र लिखना पड़ा.

अब कंपनी के सहयोग से कोविड (सेंट्रल) अस्पताल को फिर से बेहतरीन अस्पताल बनाने की प्रक्रिया तेजी से चल रही है. वहां के कुछ डॉक्टरों में कार्य संस्कृति की कमी थी. इसे बदलने की जरूरत है. बीसीसीएल के सीएमडी एवं डीपी काफी सहयोग कर रहे हैं. जल्द ही वहां मरीजों का उपचार शुरू हो जायेगा.

Post by : Pritish Sahay

Next Article

Exit mobile version