Dhanbad News :भारत की भूमंडलीय परत ज्यादा गरम और अस्थिर : डॉ पांडेय
शताब्दी वर्ष कार्यक्रम के तहत आइआइटी आइएसएम में मशहूर भूवैज्ञानिक डॉ ओपी पांडेय का व्याख्यान
आइआइटी आइएसएम में मंगलवार को शताब्दी वर्ष कार्यक्रम के तहत व्याख्यान का आयोजन किया गया. प्रारंभ में अनुप्रयुक्त भूभौतिकी विभाग के प्रमुख प्रो. सौमेन मैती ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मशहूर भूवैज्ञानिक डॉ ओपी पांडेय का परिचय कराया. अपने व्याख्यान में डॉ ओपी पांडेय ने बताया कि दुनिया के दूसरे प्राचीन भू-भागों में धरती की गहरी परत लगभग 250 से 350 किमी नीचे मिलती है, लेकिन भारत में यह सिर्फ करीब 100 किमी गहराई पर ही है. इस वजह से भारत की भूमंडलीय परत ज्यादा गरम और अस्थिर मानी जाती है.
ड्रिलिंग से मिले डेटा में पता चला भारत के नीचे बहुत पुरानी चट्टानें हैं
डॉ पांडेय ने आगे समझाया कि भारत की धरती के नीचे की परतें बाकी देशों की तुलना में काफी गरम और कमजोर हैं. उन्होंने बताया कि किलारी भूकंप क्षेत्र में 617 मीटर गहराई तक की गयी ड्रिलिंग से जो डेटा मिले हैं, उससे पता चलता है कि भारत के नीचे बहुत पुरानी चट्टानें हैं, जिन पर गर्मी, दबाव और रासायनिक बदलावों का असर पड़ा है. इसी वजह से इन चट्टानों में भूकंपीय तरंगें लगभग 15 प्रतिशत धीमी चलती हैं, जिससे जमीन की मजबूती कम हो जाती है और भूकंप की संभावना बढ़ जाती है. आइआइटी आइएसएम के पूर्व छात्र रहे डॉ. पांडेय ने अपने शोध से जुड़े कई अनुभव भी साझा किये.
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