मांस, मछली, मुर्गा विक्रेताओं को नहीं मिल रहा है 2012 से लाइसेंस

कतरास. झारखंड सरकार द्वारा अवैध बूचड़खाने को बंद करने के आदेश के बाद धनबाद जिले के करीब 50 से अधिक अवैध बूचड़खाना संचालकों में हड़कंप है. इसमें पूरे बाघमारा कोयलांचल में कम से कम आठ बूचड़खाना शामिल हैं. आदेश के बाद किसी कार्रवाई के भय से मंगलवार को छाताबाद, भदरीचक सहित कई क्षेत्रों के बूचड़खाने […]

By Prabhat Khabar Print Desk | March 29, 2017 7:50 AM
कतरास. झारखंड सरकार द्वारा अवैध बूचड़खाने को बंद करने के आदेश के बाद धनबाद जिले के करीब 50 से अधिक अवैध बूचड़खाना संचालकों में हड़कंप है. इसमें पूरे बाघमारा कोयलांचल में कम से कम आठ बूचड़खाना शामिल हैं. आदेश के बाद किसी कार्रवाई के भय से मंगलवार को छाताबाद, भदरीचक सहित कई क्षेत्रों के बूचड़खाने बंद रहे.
लाइसेंस नहीं मिलने से परेशान हैं दुकानदार : कतरास अंचल नगर निगम क्षेत्र के मीट, मुर्गा, मछली काटकर बेचने वाले कारोबारी परेशान हैं. कतरास अंचल नगर निगम क्षेत्र में करीब 200 से अधिक मीट, मुर्गा, मछली बेचने की दुकान हैं. इसमें दर्जनाधिक लाइसेंसधारी दुकानदार हैं. लेकिन लाइसेंसधारी दुकानों का वर्ष 2012 के बाद से लाइसेंस रिनुअल नहीं हुआ है. क्योंकि माडा से हट कर यह अधिकार नगर निगम के पास चला गया है.
2012 के बाद से कोई आवेदन नहीं मिला : प्रधान सहायक
नगर निगम कतरास अंचल कार्यालय के प्रधान सहायक वीरेंद्र भट्ट ने कहा वर्ष 2012 में माडा से नगर निगम को अधिकार मिला है, तब से अभी तक किसी ने भी नये लाइसेंस के लिए अथवा पुराने लाइसेंसधारियों ने रिनुअल कराने के लिए आवेदन नहीं दिया है. आवेदन मिलने के बाद विभाग का जैसा आदेश होगा, वैसा किया जायेगा.
तुगलकी फरमान है सरकार का : ओपी लाल
बाघमारा के पूर्व विधायक ओपी लाल ने कहा कि रघुवर सरकार ने तुगलकी फरमान जारी किया है. मांस, मछली बेचकर जीविकोपार्जन करने वाले कारोबारियों को भी परेशानी में डाल दिया है. सरकार छोटे-छोटे कारोबारियों के लाइसेंस का रिनुअल करे और नये लोगों को लाइसेंस दे.
24 घंटा बीतने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई : विहिप
विश्व हिंदू परिषद् के धनबाद विभाग सह मंत्री कमलेश सिंह ने कहा कि सरकार के आदेश के बाद भी जमीन पर काम नहीं दिख रहा है. बजरंग दल के जिला सह संयोजक विकास बजरंगी ने कहा कि अब प्रशासन जिले भर में संचालित बूचड़खाना के संचालकों पर कार्रवाई करें.

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