सिंदरी में हटाये गये मजदूरों ने किया हर्ल का गेट जाम

विधायक के छोटे पुत्र ने संभाला मोर्चा एमटीसी के अंतर्गत कार्यरत थे सभी मजदूर सिंदरी : हिंदुस्तान उर्वरक एवं रसायन लिमिटेड सिंदरी परियोजना के निर्माण के लिए खाद कारखाना सिंदरी में स्क्रैप कटिंग का कार्य करने वाली कंपनी एमटीसी प्रबंधन द्वारा 70 मजदूरों को गुरुवार को कारखाना के अंदर काम पर नहीं आने दिया गया. […]

By Prabhat Khabar Print Desk | May 17, 2019 2:25 AM

विधायक के छोटे पुत्र ने संभाला मोर्चा

एमटीसी के अंतर्गत कार्यरत थे सभी मजदूर
सिंदरी : हिंदुस्तान उर्वरक एवं रसायन लिमिटेड सिंदरी परियोजना के निर्माण के लिए खाद कारखाना सिंदरी में स्क्रैप कटिंग का कार्य करने वाली कंपनी एमटीसी प्रबंधन द्वारा 70 मजदूरों को गुरुवार को कारखाना के अंदर काम पर नहीं आने दिया गया. इससे आक्रोशित मजदूरों ने हर्ल सिंदरी (एफसीआइ) के मुख्य गेट को जाम कर दिया. मजदूरों ने एफसीआइ सिंदरी और एमटीसी प्रबंधन के विरोध में नारेबाजी की. मजदूरों के साथ विधायक फूलचंद मंडल के छोटे पुत्र आशीष मंडल मौजूद थे.
मजदूरों ने आरोप लगाया कि एमटीसी कंपनी यह कह कर काम से हटाना चाहती है कि अब काम नहीं है, जो ग़लत है. अगर काम नहीं है तो बाहर से आयेे मजदूरों को क्यों नहीं हटा रही है. मजदूरों ने यह भी कहा कि नये उर्वरक कारखाना के निर्माण कार्य करने वाली कंपनी एलएंडटी, एनसीसी एवं बैंगिंग इंडिया के अंदर हजारों मजदूर कार्य कर रहे हैं.
सभी 70 मजदूरों को हर्ल प्रबंधन या तो स्वयं रख ले या एमटीसी को कहे कि जबतक एमटीसी कंपनी का कार्य कारखाना में चलेगा, तब तक एक भी स्थानीय मजदूर को काम से नहीं हटाया जाए. मजदूरों ने आक्रोश व्यक्त करते हुए कहा कि स्थानीय मजदूरों के साथ भेदभाव एवं अन्याय किया जा रहा है. हमारी जमीन पर कारखाना बना है और हमें ही काम से भगाया जा रहा है. मजदूरों ने एमटीसी पर बकाया राशि भुगतान नहीं करने का भी आरोप लगाया है.
काम से हटाये गये मजदूरों ने मुख्य गेट के समीप धरना शुरू कर दिया है. सिंदरी विधायक प्रतिनिधि व जिप सदस्य घनश्याम ग्रोवर ने कहा कि प्रशासन के कहने पर आदर्श आचार संहिता को देखते हुए धरना स्थगित कर दिया गया. 23 मई के बाद हटाये गये मजदूरों के संदर्भ में कार्रवाई की जायेगी. इधर, सिंदरी थाना प्रभारी सह पुलिस निरीक्षक राज कूपर ने चेताया कि सरकारी कार्य में बाधा डालने वालों पर कार्रवाई होगी, तो मजदूर शांत हुए.

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