धनबाद : इ-मुलाकात अब नहीं होती, बात तक नहीं होती

मोहन गोप नये प्रयोग के लिए कभी हुई थी देश भर में धनबाद की सराहना, मगर आज सेवा ठप प्रखंडों में बंद हो गयीं सेवाएं, बेकार हो गये कंप्यूटर-वीडियो रिकॉर्डर धनबाद : जेलों में बंद अपनों से मिलने की सबसे सरल ई-मुलाकात सेवा धनबाद में बंद हो गयी है. प्रज्ञा केंद्रों के कोने में पड़े […]

By Prabhat Khabar Print Desk | January 9, 2019 5:04 AM
मोहन गोप
नये प्रयोग के लिए कभी हुई थी देश भर में धनबाद की सराहना, मगर आज सेवा ठप
प्रखंडों में बंद हो गयीं सेवाएं, बेकार हो गये कंप्यूटर-वीडियो रिकॉर्डर
धनबाद : जेलों में बंद अपनों से मिलने की सबसे सरल ई-मुलाकात सेवा धनबाद में बंद हो गयी है. प्रज्ञा केंद्रों के कोने में पड़े लाखों के कंप्यूटर व वीडियो रिकॉर्डर धूल फांक रहे हैं. देश में पहली बार ई-मुलाकात सेवा शुरू करके धनबाद देश से लेकर विदेशों तक में सम्मानित हुआ था. लेकिन अब उदासीनता के कारण सेवा को बंद करना पड़ा है. धनबाद सदर सहित सभी प्रखंडों के प्रज्ञा केंद्रों में ई-मुकालात के लिए मशीन लगायी गयी थी. प्रज्ञा केंद्रों की ओर से क्रय की गयी मशीन बेकार हो गये.
वर्ष 2010-11 में शुरू हुई थी सेवा, मिला था सम्मान : वर्ष 2010-11 में धनबाद में जिला प्रशासन ने अपने रचनात्मक कार्यों को दिखाते हुए ई-मुलाकात सेवा शुरू की थी. तत्कालीन उपायुक्त सुनील कुमार वर्णवाल ने इसके पीछे काफी मेहनत की थी. इसके तहत झारनेट व अन्य सर्वर से प्रखंडों के प्रज्ञा केंद्रों में मशीन स्थापित की गयी थी. इसके लिए जिला प्रशासन ने जेल में कंप्यूटर सहित मशीन लगायी थी.
मात्र दस रुपये में अपनों से हो जाती थी मुलाकात
ई-मुलाकात का मुख्य उद्देश्य जेलों में अपनों से मुलाकात को सरल करना था. जेल गेट पर हर दिन लगने वाली भीड़ को कम करना था. साथ ही अपनों से सीधे मुलाकात को सरल बनाना था. इसके लिए प्रज्ञा केंद्रों में बैठ कर जेल में बंद कैदी के साथ उनके परिजन एक निर्धारित समय तक बातचीत करते थे. दस रुपया इसकी फीस रखी गयी थी. यह काफी लोकप्रिय हुआ. जेल गेट पर भी भीड़ कम होने लगी थी.
सर्वर में खराबी नहीं हुई ठीक, कहीं कट गये तार
वर्ष 2015-16 के आसपास इसमें खराबी आने लगी. बार-बार सर्वर खराब होने लगा. संबंधित प्रज्ञा केंद्रों के संचालकों ने कई बार इसके लिए संबंधित एजेंसी व विभाग को सूचना दी. लेकिन उदासीनता बरकरार रही.
इसके बाद कई जगहों पर तार कट गये. लेकिन इसकी मरम्मत नहीं हो पायी. धीरे-धीरे यह महत्वपूर्ण सेवा ठप होने लगी. अब सेवा पूरी तरह से बंद है.

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