अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी को कॅरियर बनाएं : तुलस्यान

धनबाद: अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी में युवा अपना कॅरियर तलाशें. मानव हित में इस प्रौद्योगिकी का लाभ जन-जन को मिले, जन जीवन विज्ञान सम्मत हो. इसरो को आउटरिच प्रोग्राम अधिक से अधिक करना चाहिए, ताकि सामान्य जन भी इसे समझ सकें. ये बातें राजकमल सरस्वती विद्या मंदिर के सचिव विनोद कुमार तुलस्यान ने कही. वह क्षेत्रीय सुदूर […]

By Prabhat Khabar Print Desk | December 13, 2017 11:41 AM
धनबाद: अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी में युवा अपना कॅरियर तलाशें. मानव हित में इस प्रौद्योगिकी का लाभ जन-जन को मिले, जन जीवन विज्ञान सम्मत हो. इसरो को आउटरिच प्रोग्राम अधिक से अधिक करना चाहिए, ताकि सामान्य जन भी इसे समझ सकें. ये बातें राजकमल सरस्वती विद्या मंदिर के सचिव विनोद कुमार तुलस्यान ने कही. वह क्षेत्रीय सुदूर संवेदन संस्थान दक्षिण, बेंगलुरु(इसरो) के तत्वावधान में राजकमल सरस्वती विद्या मंदिर धनबाद में दो दिवसीय विचार गोष्ठी के समापन समारोह की मंगलवार को अध्यक्षता कर रहे थे. मौके पर विशिष्ट अतिथि विद्यालय के अध्यक्ष शंकर दयाल बुधिया भी उपस्थित थे.
इसरो का प्रयास सराहनीय : राजकमल के प्राचार्य राजेश कुमार सिंह ने कहा कि इसरो का प्रयास सराहनीय है. अंतरिक्ष विज्ञान से जुड़े कई अनछुए पहलुओं के बारे में सोचने-समझने का बच्चों को मौका मिला. उन्होंने भविष्य में भी ऐसे कार्यक्रम आयोजित करने पर बल दिया.
प्रचार-प्रसार के लिए राजकमल सर्वश्रेष्ठ : आइआइआरएस के एसके श्रीवास्तव ने राजकमल विद्यालय को अंतरिक्ष विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के प्रचार-प्रसार के लिए धनबाद जिला में सर्वश्रेष्ठ घोषित किया. भू-स्थानिक प्रौद्योगिकी एवं आउट रिच प्रोग्राम की ओर से विद्यालय को 9.27 ग्रेडिंग दी गयी और सर्वश्रेष्ठ का पुरस्कार भी दिया गया.
जो थे उपस्थित : स्थानीय को-ऑर्डिनेटर एवं उप प्राचार्या उमा मिश्रा, उप प्राचार्य मनोज कुमार, विज्ञान शिक्षक विभूति प्रसाद सिंह, रवींद्र कुमार झा, मनोहर कुमार, सुषमा पांडेय, तापस कुमार घोष, रतीश रंजन मिश्र, राजू कुमार एवं रोली सक्सेना आदि.
धनबाद में पर्यावरण की स्थिति दयनीय
विचार गोष्ठी के मुख्य वक्ता पीके राय मेमोरियल कॉलेज के प्रोफेसर डॉ. राकेशकांत कमल ने इनवायरनमेंटल साइंस पर पेपर प्रेजेंटेशन दिया. क्लामेक्स चेंज कॉज एवं इफेक्ट पर डॉ. कमल ने कहा कि धनबाद में पर्यावरण की स्थिति दयनीय है. इसको तत्काल में ठीक करने की आवश्यकता है. उन्होंने इसी आलोक में पेरिस सम्मेलन 2015 का भी उल्लेख किया. उन्होंने कहा कि किस तरह से स्पेस साइंस पर्यावरण को संरक्षित करने में हमारी मदद कर सकता है.

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