इसीएल प्रबंधन सर्वोच्च न्यायालय के आदेश को भी नहीं मान रहा है : एटक

निरसा. इसीएल मुगमा क्षेत्र के बैजना कोलियरी मजदूरों की 15 सूत्री मांगों को लेकर सोमवार को एटक के बैनर तले 29 नंबर इंक्लाइन के समीप धरना दूसरे दिन भी जारी रहा. यूनियन के क्षेत्रीय अध्यक्ष कमल बनर्जी ने कहा कि इसीएल प्रबंधक सुप्रीम कोर्ट के आदेश को भी नहीं मान रहा है. कोलियरी राष्ट्रीयकरण के […]

By Prabhat Khabar Print Desk | December 12, 2017 11:56 AM

निरसा. इसीएल मुगमा क्षेत्र के बैजना कोलियरी मजदूरों की 15 सूत्री मांगों को लेकर सोमवार को एटक के बैनर तले 29 नंबर इंक्लाइन के समीप धरना दूसरे दिन भी जारी रहा. यूनियन के क्षेत्रीय अध्यक्ष कमल बनर्जी ने कहा कि इसीएल प्रबंधक सुप्रीम कोर्ट के आदेश को भी नहीं मान रहा है. कोलियरी राष्ट्रीयकरण के समय बैजना स्थित दुर्गामाता बोकापहाड़ी खदान का भी राष्ट्रीयकरण हुआ, लेकिन प्रबंधन इसे नहीं मान रहा है.

यहां कार्यरत 625 मजदूरों को नौकरी से वंचित कर दिया गया. वर्ष 1989 में सुप्रीम कोर्ट ने आश्रितों को नियोजन देने व खदान को चालू करने का फैसला सुनाया, लेकिन अभी तक खदान चालू नहीं किया गया.

मांगों पर सकारात्मक पहल नहीं होने पर मुगमा एरिया का चक्का जाम कर जिया जायेगा. मौके पर प्रशांत बनर्जी, परीक्षित दां, बांपी चक्रवर्ती, अमर लोहार, नाड़ू गोपाल चक्रवर्ती, धर्मेंद्र यादव, अशोक मंडल, जोहार बाउरी, कार्तिक साव, आरएस शर्मा, कुर्बान मियां, कल्लू शेख आदि मौजूद थे.

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