Mahashivratri 2023: देवघर में आज खुलेगा पार्वती और बाबा मंदिर से पंचशूल, जानें क्या है मान्यता

Mahashivratri 2023: देवघर में महाशिवरात्रि से पहले बाबा एवं माता पार्वती के मंदिर के शिखर पर स्थापित पंचशूल को उतारा जायेगा. इसकी सफाई करने के बाद महाशिवरात्रि के एक दिन शुक्रवार को विशेष पूजा के बाद दोबारा शिखर पर लगा दिया जायेगा.

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 16, 2023 12:38 PM

Mahashivratri 2023: महाशिवरात्रि से पहले मंदिर के शिखर पर स्थापित पंचशूलों की सफाई करने की परंपरा है. गुरुवार को बाबा एवं माता पार्वती के मंदिर के शिखर पर स्थापित पंचशूल को उतारा जायेगा. इसकी सफाई करने के बाद महाशिवरात्रि के एक दिन शुक्रवार को विशेष पूजा के बाद पुन: शिखर पर लगा दिया जायेगा.

दोपहर दो बजे से पंचशूल को खोलने की परंपरा होगी शुरु

दोपहर दो बजे के बाद से ही पंचशूल को खोलने की परंपरा शुरू की जायेगी. सबसे पहले बाबा एवं माता मंदिर के बीच के गठबंधन को खोला जायेगा. उसके बाद भंडारी परिवार द्वारा दोनों मंदिरों के शिखर से पंचशूल को खोलकर नीचे लाया जायेगा.

दोनों पंचशूल का कराया जायेगा मिलन

बाबा एवं माता मंदिर के पंचशूल को नीचे लाने के उपरांत दोनों के पंचशूल का मिलन कराया जायेगा. इस दृश्य को देखने एवं पंचशूल को स्पर्श करने के लिए स्थानीय लोगों के अलावा आम लोगों की भी काफी भीड़ पहुंचती है. पंचशूल चढ़ने तक गठबंधन की परंपरा भी बंद रहेगी.

शुक्रवार को होगी विशेष पूजा

सभी मंदिरों के शिखर से नीचे उतारे गये पंचशूलों की सफाई के उपरांत शुक्रवार को पंचशूल की विशेष पूजा की जायेगी. ये पूजा राधाकृष्ण मंदिर के बरामदे पर उपचारक भक्तिनाथ फलहारी, आचार्य गुलाब पंडित एवं पुजारी के तौर पर स्वयं मंदिर महंत सरदार पंडा श्रीश्री गुलाब नंद ओझा तांत्रिक विधि से करीब दो घंटे तक पूजा करेंगे . पूजा करीब नौ बजे से ग्यारह बजे तक आरती के साथ संपन्न होगी.

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गणेश मंदिर के शिखर से लगना शुरु होगा पंचशूल

परंपरा के अनुसार गणेश मंदिर के शिखर से पंचशूल को लगाने की परंपरा शुरु की जायेगी. अंत में बाबा एवं माता के मंदिर में पंचूशल को लगाया जायेगा. उसके बाद सरदार पंडा गुलाब नंद ओझा बाबा व माता मंदिर के बीच पहला गठबंधन चढ़ाकर गठबंधन चढ़ाने की परंपरा को शुरू करेंगे.

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