सेल टैक्स ने बैद्यनाथ मोटर्स प्रा.लि के खातों को किया फ्रिज

देवघर: वाणिज्य कर विभाग ने देवघर के बैद्यनाथ मोटर्स प्राइवेट लिमिटेड से संबंधित सभी बैंक खातों को फ्रिज कर दिया है. संस्थान पर विभाग की ओर से सवा करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया था. पेनाल्टी की राशि सरकार के खाते में जमा नहीं होने के कारण विभाग ने कड़ी कार्रवाई की है.जबकि इससे पहले […]

By Prabhat Khabar Print Desk | August 20, 2014 8:52 AM

देवघर: वाणिज्य कर विभाग ने देवघर के बैद्यनाथ मोटर्स प्राइवेट लिमिटेड से संबंधित सभी बैंक खातों को फ्रिज कर दिया है. संस्थान पर विभाग की ओर से सवा करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया था. पेनाल्टी की राशि सरकार के खाते में जमा नहीं होने के कारण विभाग ने कड़ी कार्रवाई की है.जबकि इससे पहले संस्थान के मालिक को विभाग की ओर से नोटिस दिया गया था. यह जानकारी वाणिज्य कर विभाग देवघर अंचल के प्रभारी उपायुक्त रमेश चंद्र वर्मा ने दी.

वरीय पदाधिकारी के निर्देश पर देवघर के सत्संग नगर स्थित सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया शाखा, राय कंपनी मोड़ चौक स्थित एचडीएफसी शाखा व धनबाद के बरबड्डा स्थित बैंक ऑफ इंडिया शाखा में चल रहे खातों को फ्रीज कर निर्धारित राशि सरकार के विभागीय खाते में जमा करने का निर्देश दिया गया है.

क्या था मामला : पिछले दिनों वाणिज्य कर विभाग के इंवेस्टीगेशन ब्यूरो की टीम ने मोटर विक्रेता संस्थान के कई ठिकानों पर जांच की थी. जांच के क्रम में शोरूम व गोदामों में स्टॉक का मिलान किया गया था. मगर स्टॉक के मुताबिक शोरूम व गोदाम में कम संख्या में गाड़ियां मौजूद थी. जबकि वास्तविक स्थिति के अनुसार गाड़ियों की बिक्री हो चुकी थी. जांच के बाद विभागीय पदाधिकारियों ने पहले तो नाराजगी प्रकट की. उसके बाद विभागीय कार्रवाई करते हुए संस्थान के मालिक पर सवा करोड़ रुपये का जुर्माना तय कर दिया. उक्त राशि संस्थान के प्रोपराइटर को विभाग के कोष में जमा करना था. मगर प्रोपराइटर की ओर से लंबी अवधि गुजर जाने के बावजूद जमा नहीं किया गया.

परिवार का संयुक्त ऑनरशिप है. विभाग की ओर से नोटिस मिली है. जल्द ही उक्त राशि का भुगतान सरकार के खाते में कर दिया जायेगा.

– मिथिलेश कुमार, संचालक, बैद्यनाथ मोटर्स प्रालि, देवघर

क्या है नियम

विभागीय नियमानुसार निर्धारित समय के अंदर टैक्स या पेनाल्टी की राशि विभागीय कोष में जमा नहीं होती है, तो विभाग की ओर से नोटिस देकर बकाये राशि का भुगतान करने का निर्देश दिया जाता है. उसके बाद स्पेशल मॉड ऑफ रिक्वरी के तहत विभाग बैंक प्रबंधन को पेनाल्टी की राशि संबंधित खाते में सिर्फ एक रुपये की राशि छोड़ कर ड्राफ्ट या चालान मोड में सरकार के खाते में जमा करने का निर्देश देती है. इसी नियम के तहत कार्रवाई की गयी है.

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