कैंसर पीड़ित लड़की की कहानी ”ठहरती सांसों के सिरहाने से”

देवघर : इस बार कैंसर पीड़ित लड़की कहानी”ठहरती सांसों के सिरहाने से’ पुस्तक चर्चा में है. राजकमल प्रकाशन में यह पुस्तक उपलब्ध है, जिसे लोग बहुत पसंद कर रहे हैं. अनन्या मुखर्जी की आपबीती इस पुस्तक में है. क्यों चर्चा में है अनन्या की पुस्तक : दरअसल, अनन्या मुखर्जी खुद कैंसर की शिकार थी. 2016 […]

By Prabhat Khabar Print Desk | January 23, 2020 2:21 AM

देवघर : इस बार कैंसर पीड़ित लड़की कहानी”ठहरती सांसों के सिरहाने से’ पुस्तक चर्चा में है. राजकमल प्रकाशन में यह पुस्तक उपलब्ध है, जिसे लोग बहुत पसंद कर रहे हैं. अनन्या मुखर्जी की आपबीती इस पुस्तक में है.

क्यों चर्चा में है अनन्या की पुस्तक : दरअसल, अनन्या मुखर्जी खुद कैंसर की शिकार थी. 2016 में पता चला कि उन्हें स्तन कैंसर है. जब उनका इलाज चल रहा था, उन्होंने कैंसर से जुड़े अपने अनुभवों और कैंसर का मुकाबला करने के तरीकों के बारे में लिखना शुरू कर दिया, जो इस किताब के रूप में सामने है. कीमोथेरेपी के पचास से अधिक सत्रों से गुजरने के बावजूद अनन्या शब्दों से जादू जगा देती थीं.

यह किताब उन लोगों के जीवन में उम्मीद की किरण की तरह हो सकती है जिनको कैंसर है और उनके परिजनों तथा देखभाल करने वालों के िलए भी जो मरीज के साथ साथ इस बीमारी को अनुभव कर रहे होते हैं. अतत: 18 नवंबर 2018 को अनन्या कैंसर से लड़ाई हार गयी. अनन्या मास कम्युनिकेशन में पीजी, आस्ट्रेलिया से पत्रकारिता में पीजी की शिक्षा ग्रहण की थी. उन्होंने कई जानी मानी कंपनियों में काम किया.

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