.841 श्रमिकों को मिलेगा रोजगार
विस्थापित, सीसीएल प्रबंधन व आउटसोर्सिंग कंपनी से वार्ता के बाद उत्खनन का रास्ता साफ
विस्थापित, सीसीएल प्रबंधन व आउटसोर्सिंग कंपनी से वार्ता के बाद उत्खनन का रास्ता साफ टंडवा. आम्रपाली कोल परियोजना में नयी एनसीसी के कोयला खनन का रास्ता साफ हो गया है. प्रशासन की उपस्थिति में रैयत, सीसीएल प्रबंधन व एनसीसी कंपनी के बीच त्रिपक्षीय वार्ता शनिवार देर रात तक चली. त्रिपक्षीय वार्ता में खनन को लेकर सहमति बन गयी. आम्रपाली जीएम अमरेश सिंह की अध्यक्षता में घंटों चली बैठक में वार्ता संपन्न हुई. सीसीएल क्षेत्र के सांसद प्रतिनिधि प्रेम विकास उर्फ मंटु सिंह, थाना प्रभारी अनिल उरांव, पीओ मो अकरम उपस्थित थे. बैठक में विस्थापित रैयतों ने रोजगार, नौकरी, जमीन सत्यापन, सड़क, बिजली, शिक्षा, अस्पताल जैसी बुनियादी सुविधा की मांग की. जीएम ने कहा कि पूर्व में कार्यरत श्रमिकों की बहाली नागार्जुन कंपनी में समायोजित होगी. ग्रामीणों की ओर से 320 के प्रस्ताव पर 260 नये श्रमिकों को रोजगार में रखने की सहमति बनी. पांचों गांव की संपूर्ण जंगल झाड़ी का डायवर्सन, जीएमके भूमि का सत्यापन कंपनी अपने स्तर से अधिकतम एक वर्ष में कराने की बात कही. इसके अलावा 2014 में हुए समझौते के अनुसार कुमरांग कला व कुमडांग खुर्द, उड़सु के क्षेत्र में तीन नये कांटा घर स्थापित था. जिसे वर्ष 2019 में हटा दिया गया. उसे छह महीनों में पुनःस्थापित करने की बात कही गयी. सांसद प्रतिनिधि प्रेम विकास ने कहा कि विस्थापितों के चट्टानी एकता की जीत हैं. सांसद ने सीसीएल सीएमडी को पत्र के माध्यम से ग्राम सभा कर विस्थापितों की समस्या का निराकरण का आदेश जारी किया गया था, जिसके आधार पर रैयतों को उनका अधिकार मिल रहा है. मौके पर संदीप सिंह, महेश वर्मा, बिरजू भुइयां, कुंदन पासवान, गोविंद साव,प्रवेश दास,आशीष चौधरी, अंरविद सिंह,रितेश सिंह,अमलेश दास,बिंदु गंझू,गणेश साव समेत कई उपस्थित थे.
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