बभने गांव में घुसा बांध का पानी, कई लोग प्रभावित

प्रतापपुर :शनिवार व रविवार रात भारी बारिश होने से गणौरी बांध का जलस्तर बढ़ गया, इससे बभने गांव के कई घरों में पानी घुस गया. जिस वक्त गांव में पानी घुसा लोग गहरी नींद में सोये हुए थे. पानी घुसने के बाद गांव में अफरा-तफरी मच गयी. आनन-फानन में जेसीबी से खुदाई कर पानी के […]

By Prabhat Khabar Print Desk | August 20, 2019 2:25 AM

प्रतापपुर :शनिवार व रविवार रात भारी बारिश होने से गणौरी बांध का जलस्तर बढ़ गया, इससे बभने गांव के कई घरों में पानी घुस गया. जिस वक्त गांव में पानी घुसा लोग गहरी नींद में सोये हुए थे. पानी घुसने के बाद गांव में अफरा-तफरी मच गयी. आनन-फानन में जेसीबी से खुदाई कर पानी के बहाव की दिशा बदली गयी, तब जाकर लोगों ने राहत की सांस ली. इधर, बारिश से खेतों में लगी फसल डूब गयी है. गांव के मो सखी व मो खालिद का मिट्टी का घर ध्वस्त हो गया. पानी में डूबने से एक बकरी की भी मौत होने की सूचना है.

गांव के मो सकिल, मो खालिद, ताहिरा खातून, मो इम्ब्रोज, सहबूब, महफूज आलम, कौशर अली, हारुण रसीद, मोजाहिद,नन्हु खातून, मो ईदरीश, नरेश साव, दिलीप साव, राकेश सिंह, शंकर साव, मासोमात बसंती देवी, कुलदीप प्रजापति, प्रदीप प्रजापति, अनिल, विशुन चौधरी, बबलू कुमार, नंदकिशोर प्रसाद, शिवनंदन साव, मनोज ,अनिल राम व रामोतार राम के घर में पानी घुस गया था.
गणौरी बांध से हर साल लोग होते हैं प्रभावित : गणौरी बांध 2014-15 के पहले टूट गयी थी. इसके बाद वर्ष 2016-17 मे झालको लघु सिंचाई योजना से बांध की मरम्मत की गयी थी. संवेदक द्वारा कार्य मे अनिमितता बरतते हुए बांध का पानी निकासी पश्चिम दिशा से उतर दिशा की ओर कर दिया गया. उत्तर दिशा में गांव स्थित है, इसके कारण बांध में अधिक पानी होने के कारण गांव में पानी घुस जाता है.
क्या कहते है ग्रामीण : इस संबंध मे बभने गांव के भाजपा नेता मिस्टर आलम, दीनेश प्रसाद, मो फिरोज, ग्रामीण,इम्ब्रोज, रामोतार राम ,अनिल राम, कुलदीप प्रजापति, मासोमात बसंती देवी, नरेश साव, राकेश सिंह ,मो ईदरीश ने बताया कि पूर्व मे गणौरी बांध का पानी की निकासी का भावा पश्चिम दिशा में था.
तब पानी की निकासी चैनल के माध्यम से बभने आहर होते, कामत आहर, सिंदवरिया आहर, हलदुवा आहर के बाद होते हुए देवघटा आहर होते धेनुआ आहर ओवर फ्लूड के बाद रामपुर स्थित धेनुआ आहर होते हुए अमझर नदी मे गिरता था. इससे किसान कम बारिस मे भी खेती का कार्य अच्छी तरह से कर लेते थे.

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