सदन में उठाया एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय खोलने का मुद्दा
चतरा : सांसद सुनील सिंह ने अपने संसदीय क्षेत्र में नवोदय विद्यालय की तर्ज पर एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय खोलने की मांग सोमवार को सदन में उठायी. चतरा, लातेहार, गारू, महुआडांट, बरवाडीह, मनातू में एकलव्य आदर्श विद्यालय खोलने की मांग की. साथ ही आदिवासी जनजातीय समुदाय को जाति प्रमाण पत्र नहीं मिलने की समस्या को […]
चतरा : सांसद सुनील सिंह ने अपने संसदीय क्षेत्र में नवोदय विद्यालय की तर्ज पर एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय खोलने की मांग सोमवार को सदन में उठायी. चतरा, लातेहार, गारू, महुआडांट, बरवाडीह, मनातू में एकलव्य आदर्श विद्यालय खोलने की मांग की. साथ ही आदिवासी जनजातीय समुदाय को जाति प्रमाण पत्र नहीं मिलने की समस्या को भी उठाया. यह जानकारी सांसद के निजी सचिव ने दी.
कहा कि विभिन्न जनजातीय समुदाय, आदिम जनजातीय समुदाय की देश में कुल जनसंख्या व झारखंड में जनसंख्या की प्रतिशत के अनुसार विकास के लिए संचालित व प्रस्तावित योजनाओं व विद्यालयी शिक्षा के लिए बजटीय प्रावधान के साथ जाती प्रमाण पत्र आनेवाली समस्या के बारे में जनजातीय कार्य मंत्री अर्जुन मुंडा से प्रश्न पूछे. श्री सिंह के प्रश्न का जवाब देते हुए केंद्रीय मंत्री श्री मुंडा ने कहा कि देश में सात सौ से अधिक जनजाति हैं.
75 समुदाय को विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समुह के रूप में सूचिबद्ध किया गया है, जिसमें झारखंड के आठ समुदाय असुर, बिरहोर, बिरजिया, कोरवा, मल पहाडिया, परहिया, सौरिया पहारिया, व सावरा शामिल हैं. उक्त जाति के विकास के लिए झारखंड को वर्ष 2017-18 में 494 लाख रुपये दिये गये थे. सांसद ने पूरक प्रश्न के माध्यम से पूछा कि देश में 284 एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय स्वीकृत हैं, जिसमें 219 क्रियाशील हैं.
65 नन क्रियाशील हैं. देशभर में 65 नन क्रियाशील में से 16 झारखंड राज्य में हैं. चतरा लोकसभा संसदीय क्षेत्र में इएमआरएस में से अबतक एक भी विधिवत स्थापित होकर चालू नहीं हुआ हैं. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि एकलव्य विद्यालय के लिए राज्य सरकार को राशि दी जाती है. अब केंद्र सरकार नवोदय विद्यालय के तर्ज पर एकलव्य विद्यालय स्थापित करेगी. उक्त प्रखंडों में एकलव्य विद्यालय खोले जायेंगे.