झारखंड में थम नहीं रहा बाल विवाह, ऐसे रुकी छठी कक्षा की छात्रा की शादी

किरीबुरु (शैलेश सिंह) : जेएसएलपीएस, बाल अधिकार सुरक्षा समिति की सलाहकार रीना दास, टाटा स्टील द्वारा संचालित गैर सरकारी संगठन एस्पायर के पदाधिकारी राजेश लागुरी, सावन कुमार एवं किरीबुरु पश्चिमी पंचायत की मुखिया पार्वती किडो़ के सामूहिक प्रयास से किरीबुरु स्थित उत्क्रमित उच्च विद्यालय प्रोस्पेक्टिंग की कक्षा छह में पढ़ने वाली बिटिया को शादीशुदा व बच्चों के पिता से बाल विवाह होने से बचा लिया गया.

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 30, 2020 4:31 PM

किरीबुरु (शैलेश सिंह) : जेएसएलपीएस, बाल अधिकार सुरक्षा समिति की सलाहकार रीना दास, टाटा स्टील द्वारा संचालित गैर सरकारी संगठन एस्पायर के पदाधिकारी राजेश लागुरी, सावन कुमार एवं किरीबुरु पश्चिमी पंचायत की मुखिया पार्वती किडो़ के सामूहिक प्रयास से किरीबुरु स्थित उत्क्रमित उच्च विद्यालय प्रोस्पेक्टिंग की कक्षा छह में पढ़ने वाली बिटिया को शादीशुदा व बच्चों के पिता से बाल विवाह होने से बचा लिया गया.

इस बाबत रीना दास और राजेश लागुरी ने बताया कि नाबालिग छात्रा के पिता की मौत वर्षों पूर्व हो गई थी. वह अपनी चार बहनों व मां के साथ किरीबुरु में रहकर स्कूल में पढ़ाई करती थी. बीते छब्बीस नवंबर को छात्रा को उसकी मां द्वारा जगन्नाथपुर थाना अन्तर्गत काकुईता गांव निवासी एक शादीशुदा व्यक्ति के साथ हल्दी-तेल की रस्म अदा कर भेज दिया गया था. जब उहें इस बाल विवाह से जुड़ी जानकारी मिली तो उन्होंने दोनों पक्षों को समझाया.

Also Read: Chandra Grahan 2020 : वर्ष 2020 का आखिरी चंद्र ग्रहण लगा, भूलकर भी नहीं करें ये काम

बाल विवाह करने से कानूनी कार्रवाई होने की बात पर वे मान गये. उन्हें बताया गया कि बाल विवाह से लड़की पर मानसिक व शारीरिक दुष्प्रभाव पड़ेगा. इसके बाद 29 नवंबर की रात लगभग आठ बजे लड़की को जगन्नाथपुर से किरीबुरु लाया गया, जहां मुखिया ने लड़की की मां को फटकार लगायी. छठी कक्षा की छात्रा से नियमित रूप से स्कूल जाने को कहा गया. इस पर छात्रा ने अब किरीबुरु के उस स्कूल में नहीं पढ़ने की बात कही. इसके बाद एस्पायर ने नोवामुंडी स्थित अपनी आरबीसी महिला स्कूल में उसका दाखिला करा निःशुल्क शिक्षा उपलब्ध कराने को कहा. इस पर छात्रा तैयार हो गयी.

Also Read: झारखंड के सारंडा में एएसआई ने खुद को मारी गोली, मौके पर ही मौत, जांच में जुटी पुलिस

मुखिया पार्वती किडो़ ने कहा कि आरबीसी नोवामुंडी में तब तक छात्रा पढ़ेगी, जब तक कि उसका नामांकन बीडीओ से बात कर कस्तूरबा विद्यालय में नहीं करा दिया जाता है. पिछले एक सप्ताह के दौरान यह दूसरा मामला है, जिसमें नाबालिग को बाल विवाह होने से बचाया गया है.

Posted By : Guru Swarup Mishra

Next Article

Exit mobile version