बोकारो : वेतन समझौता के लिए कर्मियों को करना होगा इंतजार, सेल को दूसरी तिमाही में घाटा

– भिलाई को छोड़ बीएसएल सहित सभी प्लांट घाटे में सुनील तिवारी, बोकारो सेल को दूसरी तिमाही में 342.84 करोड़ रुपये का घाटा होने से कर्मियों को बड़े नुकसान का सामना करना पड़ सकता है. वेतन समझौता सहित अन्य डिमांड की उम्मीद पर घाटा के बाद पानी फिरता नजर आ रहा है. सेल को घाटा […]

By Prabhat Khabar Print Desk | November 15, 2019 10:06 PM

– भिलाई को छोड़ बीएसएल सहित सभी प्लांट घाटे में

सुनील तिवारी, बोकारो

सेल को दूसरी तिमाही में 342.84 करोड़ रुपये का घाटा होने से कर्मियों को बड़े नुकसान का सामना करना पड़ सकता है. वेतन समझौता सहित अन्य डिमांड की उम्मीद पर घाटा के बाद पानी फिरता नजर आ रहा है. सेल को घाटा होने से वेतन समझौते पर कहीं न कहीं बड़ा असर पडऩा तय है. कर्मचारी लंबे समय से वेतन समझौते का इंतजार कर रहे हैं. वेतन समझौते की आस में कर्मी तमाम कटौती को बर्दाश्त कर रहे हैं.

पहले ही बीएसएल अफसरों के वेतन समझौते पर लगातार तीन साल के मुनाफा का शर्त जुड़ा हुआ है, जिसकी वजह से वेतन समझौते में देरी हो रही है. सेल घाटा में रहता है, तो उसका असर अफसरों के वेतन समझौते पर पड़ना तय है.

सेल ने चालू वित्त वर्ष 2019-20 की दूसरी तिमाही के वित्तीय परिणाम गुरुवार को जारी किया. कंपनी ने वित्त वर्ष 2019-20 की दूसरी तिमाही के दौरान 342.84 करोड़ रुपये का घाटा दर्ज किया है. भिलाई इस्पात संयंत्र ने सेल के तमाम यूनिटों से बेहतर प्रदर्शन कैश कलेक्शन में किया है. पिछले साल सितंबर 2018 तक सेल का आय 16832 करोड़ था, 2019 में यह हो गयी है.

इस तरह से 2546.19 करोड़ की आय में कमी आयी है. सितंबर 2018 में कच्चा माल लागत पर 7500 करोड़ लागत थी, इस साल 7382.22 करोड़ रह गयी है. कर्मचारियों पर होने वाला खर्च सितंबर 2018 में 2160 करोड़ था, जो सितंबर 2019 में 1959 करोड़ हो गया है.

अर्द्धवार्षिक नतीजे में 274 करोड़ का नुकसान

सेल को अर्द्धवार्षिक नतीजे में 274 करोड़ का नुकसान हुआ है. जहां चालू वित्त वर्ष के अर्द्धवार्षिक नतीजे में सकल आय 29289.03 रही. वहीं, कुल खर्चा 29708.13 करोड़ रहा. इस तरह 419 का टैक्स के पहले नुकसान था, टैक्स घटाकर यह नुकसान 274 करोड़ का रहा. बीएसएल सहित सेल के प्लांट के कर्मियों को वित्तीय वर्ष 2019-20 की आने वाली दोनों ही तिमाही में प्रबंधन को बेहतर उत्पादन कर दिखाना होगा, जिससे नुकसान की भरपाई हो सके. तभी कर्मियों के साथ-साथ अधिकारियों का भी वेतन समझौता संभव हो पायेगा. दूसरी तिमाही में सेल के घाटा में जाने के कारण वेतन समझौता पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं. इसलिए कर्मियों को वेट करना होगा.

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