एनएचएआइ को फटकार, तुरंत उपलब्ध करायें छह एंबुलेंस

रांची: झारखंड हाइकोर्ट में मंगलवार को हजारीबाग के इचाक के पास एनएच पर दुर्घटना में घायल अधिवक्ता की मौत को लेकर स्वत: संज्ञान से दर्ज जनहित याचिका पर सुनवाई हुई. कोर्ट ने एनएच पर मार्च में छह एंबुलेंस उपलब्ध कराने के मामले में नेशनल हाइवे अॉथोरिटी अॉफ इंडिया (एनएचएआइ) के रवैये पर कड़ी नाराजगी जतायी. […]

By Prabhat Khabar Print Desk | March 29, 2017 6:09 AM
रांची: झारखंड हाइकोर्ट में मंगलवार को हजारीबाग के इचाक के पास एनएच पर दुर्घटना में घायल अधिवक्ता की मौत को लेकर स्वत: संज्ञान से दर्ज जनहित याचिका पर सुनवाई हुई. कोर्ट ने एनएच पर मार्च में छह एंबुलेंस उपलब्ध कराने के मामले में नेशनल हाइवे अॉथोरिटी अॉफ इंडिया (एनएचएआइ) के रवैये पर कड़ी नाराजगी जतायी.

फटकार लगाते हुए तुरंत एंबुलेंस उपलब्ध कराने के लिए कहा आैर समय देने से साफ इनकार कर दिया. एनएचएआइ के अध्यक्ष द्वारा मार्च माह में छह एंबुलेंस उपलब्ध कराने के दिये गये अंडरटेकिंग को गंभीरता से लेते हुए माैखिक रूप से कहा कि कोर्ट मामले की मॉनिटरिंग कर रहा है. ऐसा न हो कि एनएचएआइ को कंट्रोल करना पड़े. अधिकारियों को बुलाया जा सकता है. तुरंत एंबुलेंस दे रहे हैं या नहीं, इसकी जानकारी दें.


चीफ जस्टिस प्रदीप कुमार मोहंती व जस्टिस आनंद सेन की खंडपीठ में मामले की सुनवाई हुई. मामले की अगली सुनवाई चार अप्रैल को होगी. इससे पहले एनएचएआइ की अोर से वरीय अधिवक्ता अनिल कुमार सिन्हा ने खंडपीठ को बताया कि 10 एंबुलेंस देने के लिए हम राजी हैं. छह एंबुलेंस तैयार हैं. चार एंबुलेंस के लिए राशि राज्य सरकार को उपलब्ध करा दी जायेगी. इसके लिए एक माह का समय देने का आग्रह किया. इस पर खंडपीठ ने नाराजगी जताते हुए माैखिक रूप से कहा कि एनएचएआइ के पास जो एंबुलेंस रेडी है, उसे तुरंत उपलब्ध कराया जाये. कोर्ट 30 मार्च तक का समय देता है.

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