पत्रकार गौरी लंकेश हत्याकांड का आरोपी राजेश झारखंड के कतरास से गिरफ्तार

धनबाद/कतरास : वरिष्ठ पत्रकार और दक्षिणपंथियों की आलोचक रहीं गौरी लंकेश समेत चार सामाजिक कार्यकर्ताओं की हत्या में शामिल राजेश देवरिकर उर्फ ऋषिकेश उर्फ मुरली उर्फ शिवा को गुरुवार को कतरास के भगत मुहल्ले से गिरफ्तार किया गया. हत्याकांड में यह 17वीं गिरफ्तारी है. कर्नाटक की बेंगलुरु पुलिस की विशेष जांच टीम (एसआइटी) ने कतरास […]

By Prabhat Khabar Print Desk | January 10, 2020 5:21 AM
धनबाद/कतरास : वरिष्ठ पत्रकार और दक्षिणपंथियों की आलोचक रहीं गौरी लंकेश समेत चार सामाजिक कार्यकर्ताओं की हत्या में शामिल राजेश देवरिकर उर्फ ऋषिकेश उर्फ मुरली उर्फ शिवा को गुरुवार को कतरास के भगत मुहल्ले से गिरफ्तार किया गया. हत्याकांड में यह 17वीं गिरफ्तारी है. कर्नाटक की बेंगलुरु पुलिस की विशेष जांच टीम (एसआइटी) ने कतरास पुलिस के सहयोग से कार्रवाई की. टीम का नेतृत्व इंस्पेक्टर पुनीथ कुमार कर रहे थे. इसमें पांच अन्य सदस्य शामिल थे.
राजेश सात-आठ माह से कतरास में अपना नाम बदल कर रह रहा था. वह कतरास के एक पेट्रोल पंप पर नोजन मैन था. विशेष जांच टीम के सदस्य पिछले पांच दिनों से धनबाद में रहकर राजेश की तलाश कर रहे थे. भगत मुहल्ला के जिस मकान में राजेश रह रहा था, उसके मालिक प्रसिद्ध उद्योगपति प्रदीप खेमका हैं.
श्री खेमका ने अपने किसी मित्र के कहने पर राजेश को मकान किराये पर दिया था. एसआइटी इंस्पेक्टर पुनीथ कुमार ने कहा कि प्रक्रिया चल रही है. गिरफ्तारी की गयी है. उसके कमरे से सनातन धर्म की कई पुस्तकें बरामद की गयी हैं. जब्ती सूची व अन्य प्रक्रिया पूरी करने के बाद ही वह कुछ कह सकते हैं.
दो साल बाद ट्रेस हुआ लोकेशन
राजेश की गिरफ्तारी के बाद प्रदीप खेमका को एसआइटी ने भगत मुहल्ला के उनके मकान में बुलाया. वहां श्री खेमका ने बताया कि पिछले सात माह से राजेश कुमार इस आवास में रह रहा था. उन्होंने अपने एक मित्र के कहने पर उसे किराया पर रहने को दिया था. राजेश कुमार की गिरफ्तारी से भगत मुहल्ले के लोग सकते में हैं. मुहल्ले वालों ने बताया कि सात- आठ महीने से राजेश यहां अकेले रह रहा था. विशेष जांच टीम शुक्रवार को उसे धनबाद कोर्ट में पेश करेगी.
घर के बाहर मारी गयी थीं गौरी लंकेश को गोलियां
वरिष्ठ पत्रकार गौरी लंकेश को पांच सितंबर, 2017 को बेंगलुरु के पॉश इलाके आरआर नगर में उनके घर के बाहर हत्या कर दी गयी थी. हमले में उन पर चार गोलियां दागी गयी थीं. घटनास्थल पर ही उनकी मौत हो गयी थी. 55 साल की गौरी ‘लंकेश पत्रिका’ का संचालन कर रही थीं, जो उनके पिता पी लंकेश ने शुरू की थी. इस पत्रिका के जरिये उन्होंने ‘कम्युनल हार्मनी फोरम’ को काफी बढ़ावा दिया. गौरी ने लेखिका और पत्रकार राणा अयुब की किताब ‘गुजरात फाइल्स’ का कन्नड़ में अनुवाद किया था.
पत्रकार गौरी लंकेश हत्याकांड में राजेश को गिरफ्तार किया गया है. वह आठ महीने से अपनी पहचान छुपा कर यहां रह रहा था. राजेश एक पेट्रोल पंप पर नोजल मैन था. वह हत्याकांड में नामजद आरोपी नहीं था. पूर्व में पकड़े गये आरोपियों ने हत्याकांड में उसकी भी संलिप्तता बतायी थी.
– किशोर कौशल, एसएसपी, धनबा
बेंगलुरु पुलिस ने भगत मुहल्ला से उठाया
पांच सितंबर, 2017 को हुई थी गौरी लंकेश की हत्या
पत्रकार समेत चार सामाजिक कार्यकर्ताओं की हत्या में शामिल होने का है आरोप
उद्योगपति प्रदीप खेमका के यहां नाम बदल कर रह रहा था, महाराष्ट्र के औरंगाबाद का है रहनेवाला
राजेश सात-आठ माह से कतरास में अपना नाम बदल कर रह रहा था. वह कतरास के एक पेट्रोल पंप पर नोजन मैन था. विशेष जांच टीम के सदस्य पिछले पांच दिनों से धनबाद में रहकर राजेश की तलाश कर रहे थे. भगत मुहल्ला के जिस मकान में राजेश रह रहा था, उसके मालिक प्रसिद्ध उद्योगपति प्रदीप खेमका हैं.
श्री खेमका ने अपने किसी मित्र के कहने पर राजेश को मकान किराये पर दिया था. एसआइटी इंस्पेक्टर पुनीथ कुमार ने कहा कि प्रक्रिया चल रही है. गिरफ्तारी की गयी है. उसके कमरे से सनातन धर्म की कई पुस्तकें बरामद की गयी हैं. जब्ती सूची व अन्य प्रक्रिया पूरी करने के बाद ही वह कुछ कह सकते हैं.
दो साल बाद ट्रेस हुआ लोकेशन
राजेश की गिरफ्तारी के बाद प्रदीप खेमका को एसआइटी ने भगत मुहल्ला के उनके मकान में बुलाया. वहां श्री खेमका ने बताया कि पिछले सात माह से राजेश कुमार इस आवास में रह रहा था. उन्होंने अपने एक मित्र के कहने पर उसे किराया पर रहने को दिया था. राजेश कुमार की गिरफ्तारी से भगत मुहल्ले के लोग सकते में हैं. मुहल्ले वालों ने बताया कि सात- आठ महीने से राजेश यहां अकेले रह रहा था. विशेष जांच टीम शुक्रवार को उसे धनबाद कोर्ट में पेश करेगी.
घर के बाहर मारी गयी थीं गौरी लंकेश को गोलियां
वरिष्ठ पत्रकार गौरी लंकेश को पांच सितंबर, 2017 को बेंगलुरु के पॉश इलाके आरआर नगर में उनके घर के बाहर हत्या कर दी गयी थी. हमले में उन पर चार गोलियां दागी गयी थीं. घटनास्थल पर ही उनकी मौत हो गयी थी. 55 साल की गौरी ‘लंकेश पत्रिका’ का संचालन कर रही थीं, जो उनके पिता पी लंकेश ने शुरू की थी. इस पत्रिका के जरिये उन्होंने ‘कम्युनल हार्मनी फोरम’ को काफी बढ़ावा दिया. गौरी ने लेखिका और पत्रकार राणा अयुब की किताब ‘गुजरात फाइल्स’ का कन्नड़ में अनुवाद किया था.
पत्रकार गौरी लंकेश हत्याकांड में राजेश को गिरफ्तार किया गया है. वह आठ महीने से अपनी पहचान छुपा कर यहां रह रहा था. राजेश एक पेट्रोल पंप पर नोजल मैन था. वह हत्याकांड में नामजद आरोपी नहीं था. पूर्व में पकड़े गये आरोपियों ने हत्याकांड में उसकी भी संलिप्तता बतायी थी.
– किशोर कौशल, एसएसपी, धनबा
बेंगलुरु पुलिस ने भगत मुहल्ला से उठाया
पांच सितंबर, 2017 को हुई थी गौरी लंकेश की हत्या
पत्रकार समेत चार सामाजिक कार्यकर्ताओं की हत्या में शामिल होने का है आरोप
उद्योगपति प्रदीप खेमका के यहां नाम बदल कर रह रहा था, महाराष्ट्र के औरंगाबाद का है रहनेवाला

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