4.7 करोड़ की धोखाधड़ी के लिए ही एसआइएस में बहाल हुए थे कर्मचारी

रांची : एसबीआइ और यूबीआइ के एटीएम में पैसा डालने के बजाय 4.7 करोड़ से अधिक रुपये गबन करने के केस में सुभाष रजक, राजेश कुमार मेहता और सुरेश कुमार मेहता को बुधवार को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया. सुभाष उर्फ शिवम समस्तीपुर के मुसरिहारी थाना क्षेत्र का रहनेवाला है, जबकि दो अन्य आरोपी […]

By Prabhat Khabar Print Desk | January 2, 2020 12:56 AM

रांची : एसबीआइ और यूबीआइ के एटीएम में पैसा डालने के बजाय 4.7 करोड़ से अधिक रुपये गबन करने के केस में सुभाष रजक, राजेश कुमार मेहता और सुरेश कुमार मेहता को बुधवार को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया. सुभाष उर्फ शिवम समस्तीपुर के मुसरिहारी थाना क्षेत्र का रहनेवाला है, जबकि दो अन्य आरोपी सुपौल जिला परसा के निवासी हैं.

दोनों रिश्ते में भाई हैं. पुलिस ने राजेश और सुरेश के पास से 42 लाख 50 हजार रुपये बरामद किया है. इसके अलावा पुलिस ने आरोपियों के पास से पांच मोबाइल, आठ एटीएम कार्ड, फर्जी आधार कार्ड और अन्य सामान बरामद किया है. इस केस का मुख्य अभियुक्त सुभाष रजक है. पुलिस के अनुसार आरोपियों ने घटना में अपनी संलिप्तता स्वीकार कर ली है.
वहीं, विपिन उर्फ गणेश ठाकुर और सुभाष रजक उर्फ शिवम ने पूछताछ में बताया है कि वे घटना को अंजाम के लिए एसआइएस कंपनी में योजना के तहत फर्जी नाम और पते पर बहाल हुए थे. योजना तीन-चार माह पहले तैयार की गयी थी. आरोपियों को नौकरी राजेश के सहयोग से मिली थी. इसके बाद उन्होंने धनबाद जाकर ट्रेनिंग भी ली थी. सुरेश पहले भी एसआइएस कंपनी में काम कर चुका है.
राजेश का एक दोस्त जो पूर्व में उसके साथ पटना में पढ़ता था, उसने ही योजना बनायी थी. योजना के अनुसार फर्जी आधार कार्ड बनाकर आरोपी कंपनी में बहाल हुए थे. आरोपियों की प्लानिंग थी कि जिस एटीएम में डालने के लिए बड़ी रकम मिलेगी, उसे एटीएम में डालने के बजाय अपने पास रखे लेंगे.
पुलिस अधिकारियों के अनुसार मुख्य आरोपी के पकड़े जाने के बाद मामला और स्पष्ट होगा. क्योंकि उसके पास भी गबन के पैसे हैं. राजेश ने अपने एक रिश्तेदार के इलाज के लिए कर्ज लिया था. इसलिए उसने करीब सात से आठ लाख रुपये कर्जदार को वापस करने की जानकारी दी है. जिसका सत्यापन किया जा रहा है.
विपिन का खाता किया गया फ्रीज : दिल्ली से दो करोड़ 15 लाख 47 हजार 680 रुपये के साथ गिरफ्तार विपिन को पुलिस ने मंगलवार को ही न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया था. पुलिस को जांच के दौरान उसके द्वारा गबन के रुपये अपने खाते में जमा करने की जानकारी मिली.
इसलिए पुलिस ने उसके खाते की जांच के लिए फ्रीज करा दिया है. विपिन की गिरफ्तारी के बाद पुलिस की टीम ने पटना में छापेमारी कर पहले सुभाष और इसके बाद दो अन्य आरोपियों को उसकी निशानदेही पर रुपये के साथ पकड़ा था.

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