मां-बाप को ही डायन बता घर से निकाला

बिशुनपुर (गुमला) : बिशुनपुर के जोरी निवासी बलिंद्र उरांव व सुरेंद्र उरांव ने डायन बता कर अपने मां-बाप को घर से निकाल दिया. उनकी सारी संपत्ति भी जब्त कर ली. अपने पुत्रों की इस करतूत से आहत पिता बोलवा उरांव व माता बिरसी देवी पिछले डेढ़ माह से खुले आसमान के नीचे रह कर न्याय […]

By Prabhat Khabar Print Desk | June 24, 2014 3:44 AM

बिशुनपुर (गुमला) : बिशुनपुर के जोरी निवासी बलिंद्र उरांव व सुरेंद्र उरांव ने डायन बता कर अपने मां-बाप को घर से निकाल दिया. उनकी सारी संपत्ति भी जब्त कर ली. अपने पुत्रों की इस करतूत से आहत पिता बोलवा उरांव व माता बिरसी देवी पिछले डेढ़ माह से खुले आसमान के नीचे रह कर न्याय के लिए दर-दर भटक रहे हैं.

गांव से बाहर कर दिये जाने के कारण माता-पिता के समक्ष भोजन के भी लाले पड़ गये हैं. मां बिरसी देवी टीबी की बीमारी से ग्रसित है. दंपती ने घाघरा पंचायत की मुखिया से मामले के निपटारे की गुहार लगायी थी. पर, ग्रामीणों ने मुखिया की पहल को भी बेकार साबित कर दिया.

ग्रामीणों ने भी नहीं की मदद : जानकारी के अनुसार, बोलवा उरांव व उसकी पत्नी बिरसी देवी के दो पुत्र हैं- बलिंद्र उरांव व सुरेंद्र उरांव. दो माह पहले बलिंद्र के पांच वर्षीय पुत्र की बीमारी के कारण मौत हो गयी. अंधविश्वास से ग्रसित बलिंद्र व सुरेंद्र ने इसके लिए अपने माता-पिता को ही जिम्मेवार ठहराया. डायन होने का आरोप लगा कर डेढ़ माह पहले उन्हें घर से निकाल दिया.

उनकी संपत्ति भी हड़प ली. दूसरी ओर बूढ़े दंपती घर से निकाले जाने के बाद अपने ऊपर लगे डायन-बिसाही के आरोप को निराधार साबित करने के लिए ग्रामीणों से समर्थन की गुहार लगाते रहे. लेकिन ग्रामीणों ने भी उनकी एक नहीं सुनी. ग्रामीणों ने कहा कि बोलवा व उसकी पत्नी डायन हैं. दोनों के गांव में रहने से अन्य परिवार को भी जान की क्षति हो सकती है.

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