PHOTOS: बिहार की ट्रेनों में होली के बाद लौटने वालों की खचाखच भीड़, देखिए पटना जंक्शन की तस्वीरें..

PHOTOS: पटना जंक्शन पर होली स्पेशल ट्रेनों में भीड़ उमड़ रही है. देखिए तस्वीरें..

By ThakurShaktilochan Sandilya | March 28, 2024 9:52 AM

होली मनाने के बाद से बिहार से दूसरे राज्य लौटने वालों का सिलसिला शुरू हो गया है. हालांकि, जिनका टिकट कन्फर्म नहीं है, उन्हें परेशानियां झेलनी पड़ीं और आगे भी उन्हें दिक्कत उठानी पड़ेगी. पटना जंक्शन से मुंबई, सूरत, अहमदाबाद, नयी दिल्ली, पंजाब जाने वाली ट्रेनों में 31 मार्च तक सीटें वेटिंग हैं.

बिहार से वापस लौटने लगे कामगार

होली में बिहार अपने घर आए कामगारों का अब वापस लौटने का सिलसिला शुरू हो चुका है. अधिकतर ट्रेनें हाउसफुल हैं. पटना जंक्शन पर यात्रियों की खचाखच भीड़ दिखती है. ट्रेन के डिब्बों में घुसने की होड़ लगी रहती है. जिसे जहां सीट मिल रहा वो वहीं बैठकर यात्रा करने को मजबूर है.

फर्श पर यात्रा करने की मजबूरी..

स्लीपर क्लास में 285 तो एसी में 120 से अधिक वेटिंग मिल रही है. बुधवार को पटना जंक्शन और दानापुर स्टेशन से खुलने वाली मुंबई और दिल्ली की ट्रेनों में यात्रियों को कन्फर्म सीटें नहीं मिलने से फर्श पर यात्रा करनी पड़ी. रनिंग कर्मचारियों के अनुसार गुरुवार यानी आज से लौटने वालों की भीड़ और अधिक बढ़ जायेगी. अभी से लेकर अप्रैल के पहले सप्ताह तक ट्रेनें ठसाठस रहेंगी.

भीड़ इतनी की विंडो से घुसे यात्री, ट्रेनों की जानकारी का सिस्टम भी खराब

यात्रियों की भीड़ इतनी अधिक थी कि जैसे ही राजगीर-नयी दिल्ली श्रमजीवी एक्सप्रेस आयी, यात्री कोच में प्रवेश करने के लिए दौड़ गये. भीड़ अधिक होने की वजह से कई यात्री विंडो के माध्यम से इंट्री कर सके. यही हाल पटना कोटा, राजेंद्र नगर मुंबई एलटीटी एक्सप्रेस, पाटलिपुत्र एलटीटी, दानापुर सिकंदराबाद आदि ट्रेनों में देखने को मिली.

पटना जंक्शन स्थित मुख्य आरक्षण केंद्र के कर्मियों के अनुसार दिल्ली जाने वाली श्रमजीवी, वंदे भारत, तेजस राजधानी, फरक्का, नॉर्थ इस्ट, विक्रमशिला, पटना कोटा, अर्चना, हिमगिरी, हावड़ा देहरादून, पटना हटिया, ब्रम्हपुत्र मेल आदि कई प्रमुख ट्रेनों में 31 मार्च तक लंबी वेटिंग चल रही है. सभी श्रेणियों में लंबी वेटिंग है. वहीं दूसरी ओर पटना जंक्शन पर ट्रेनों की जानकारी के लिए लगा सिस्टम भी खराब हो गया है. मेन इंट्री परिसर से लेकर कई प्लेटफॉर्म पर सिस्टम खराब था. इससे यात्रियों को ट्रेन की टाइमिंग की जानकारी नहीं मिल पा रही थी.

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