जहां बरसाये थे स्वास्थ्यकर्मियों पर पत्थर वहीं बजी तालियां, हुआ जोरदार स्वागत

स्वास्थ्यकर्मियों पर पथराव की बहुचर्चित घटना से सुर्खियों में आये इंदौर के टाटपट्टी बाखल इलाके में मंगलवार को सद्भाव से भरे बदलाव की तस्वीर देखने को मिली . चश्मदीदों ने बताया कि इस क्षेत्र के 48 नागरिक जब 14 दिन तक पृथक केंद्र में रहने के बाद अपने घर लौटे, तो दो महिला डॉक्टरों ने उन्हें ठीक उसी जगह खड़े होकर पौधे भेंट किये जहां उन पर 20 दिन पहले पत्थर बरसाये गये थे.

By PankajKumar Pathak | April 21, 2020 9:14 PM

इंदौर (मध्य प्रदेश) : स्वास्थ्यकर्मियों पर पथराव की बहुचर्चित घटना से सुर्खियों में आये इंदौर के टाटपट्टी बाखल इलाके में मंगलवार को सद्भाव से भरे बदलाव की तस्वीर देखने को मिली . चश्मदीदों ने बताया कि इस क्षेत्र के 48 नागरिक जब 14 दिन तक पृथक केंद्र में रहने के बाद अपने घर लौटे, तो दो महिला डॉक्टरों ने उन्हें ठीक उसी जगह खड़े होकर पौधे भेंट किये जहां उन पर 20 दिन पहले पत्थर बरसाये गये थे.

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इस मौके के दृश्य सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं. सद्भाव का प्रदर्शन करने वाली इन “कोविड-19 योद्धाओं” में डॉक्टर तृप्ति काटदरे (40) और डॉक्टर जाकिया सैयद (36) शामिल हैं. टाटपट्टी बाखल इलाके में स्वास्थ्यकर्मियों पर एक अप्रैल को हुए पथराव में दोनों महिला डॉक्टरों के पैरों में चोट आयी थी. लेकिन वे इस क्षेत्र में फैली महामारी के खिलाफ जारी अभियान में अगले ही दिन दोबारा जुट गयी थीं.

चश्मदीदों के मुताबिक पृथक केंद्र से लौटे लोगों को पौधे भेंट किये जाने के दौरान टाटपट्टी बाखल इलाके के रहवासियों ने दोनों महिला डॉक्टरों और अन्य स्वास्थ्य कर्मियों के सम्मान में तालियां बजायीं. काटदरे ने “पीटीआई-भाषा” को बताया, “जब हमने पृथक केंद्र से घर लौटे लोगों को पौधे भेंट कर उनका स्वागत किया, तो यह हमारे लिये एक भावुक क्षण था.” महिला डॉक्टर ने कहा, “हम टाटपट्टी बाखल इलाके में पथराव की घटना को पहले ही भूल चुके हैं.

कोविड-19 को लेकर भ्रम-भ्रांतियां दूर होने और जागरूकता बढ़ने पर अब इस इलाके के लोग स्वास्थ्य कर्मियों का सहयोग कर रहे हैं.” अधिकारियों ने बताया कि टाटपट्टी बाखल, शहर के कोविड-19 संक्रमित इलाकों में शामिल है. घनी आबादी वाले इस इलाके के 48 लोगों को कोरोना वायरस संक्रमण के संदेह में 14 दिन के लिये एक पृथक केंद्र में रखा गया था. लेकिन जांच में वे इस महामारी से संक्रमित नहीं पाये गये और उन्हें घर भेज दिया गया.

पुलिस को जांच के दौरान सुराग मिले कि स्वास्थ्यकर्मियों के दल पर पथराव की घटना सोशल मीडिया पर फैली अफवाहों के बाद असामाजिक तत्वों के कथित उकसावे के चलते सामने आयी थी. यह दल कोरोना वायरस संक्रमण के एक मरीज के संपर्क में आये लोगों को ढूंढने गया था. जिला प्रशासन ने इस मामले के चार मुख्य आरोपियों- मोहम्मद मुस्तफा (28) ,मोहम्मद गुलरेज (32), शोएब (36) और मजीद (48) को राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत गिरफ्तार किया था

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