Bihar: TNB लॉ कॉलेज भागलपुर पर ग्रहण, बंद हो सकती है तीन वर्षीय लॉ की पढ़ाई, एडमिशन के लिए भटक रहे छात्र

टीएनबी लॉ कॉलेज भागलपुर में इस साल तीन वर्षीय लॉ की पढ़ाई बंद हो सकती है. कानून की पढ़ाई करने वाले इच्छुक छात्र-छात्राओं को निराशा हाथ लग सकती है. पूर्वी क्षेत्र का इकलौता टीएनबी लॉ कॉलेज में तीन सत्र से नामांकन नहीं हो रहा.

By Prabhat Khabar Print Desk | January 24, 2023 7:38 AM

Bihar News: टीएनबी लॉ कॉलेज भागलपुर में इस साल तीन वर्षीय लॉ की पढ़ाई बंद हो सकती है. इसे लेकर कानून की पढ़ाई करने वाले इच्छुक छात्र-छात्राओं में निराशा है. दरअसल, लॉ सत्र 2019-22 का अंतिम सेमेस्टर के बैच के छात्रों की परीक्षा इस साल होनी है. इसके बाद से कोर्स में और कोई बैच नहीं है. हालांकि सत्र लेट होने के कारण वर्ष 2022 के बदले 2023 में पूरा हो रहा है़.

लॉ कॉलेज में तीन सत्र से नामांकन की प्रक्रिया बंद

बताया जा रहा है कि तीन वर्षीय लॉ की सेमेस्टर तीन की परीक्षा जुलाई तक ली जा सकती है. दूसरी तरफ लॉ कॉलेज में तीन सत्र से नामांकन की प्रक्रिया बंद है. ऐसे में कोर्स में नामांकन कराने के लिए इच्छुक छात्र-छात्राएं भटक रहे हैं.

कॉलेज को मिले हैं लॉ के नौ शिक्षक

कमीशन से टीएमबीयू के लॉ कॉलेज को नौ शिक्षक अनुमोदित किये गये हैं. बताया जा रहा है कि लेकिन कुछ मामले को लेकर हाइकोर्ट में मामला चल रहा है. जानकारी के अनुसार लॉ कॉलेज को मिले नौ कानून के शिक्षक अबतक योगदान नहीं दे पाये हैं. उन शिक्षकों के योगदान देने के बाद ही कॉलेज में नामांकन की प्रक्रिया शुरू हो सकती है.

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तीन वर्षीय कोर्स में नामांकन को लेकर घटाया सीट –

बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने शिक्षक सहित संसाधन की कमी पर कॉलेज में तीन वर्षीय कोर्स में सीटें घटा दी है. अब 300 की जगह 120 सीट पर ही नामांकन लिया जायेगा. जबकि पांच वर्षीय कोर्स में नामांकन पर रोक लगा दी गयी थी. मानक के अनुरूप पांच वर्षीय लॉ कोर्स में 45 शिक्षक होना अनिवार्य बताया गया है. साथ ही एक दर्जन से अधिक क्लास रूम बनाने के लिए भी कहा गया है. काउंसिल ने यह रोक हाईकोर्ट के आदेश पर कॉलेज की जांच के बाद लगायी है.

वर्ष 2020 से बंद है नामांकन की प्रक्रिया –

टीएनबी लॉ कॉलेज में वर्ष 2020 से ही नामांकन की प्रक्रिया बंद है. बताया जा रहा है कि सत्र 2020-23, 2021-24 व 2022-25 में नामांकन की प्रक्रिया जीरो रहा है. इसके पीछे मानक के अनुरूप लॉ के शिक्षक नहीं होना बताया गया है.

कॉलेज के नैक मूल्यांकन में हो सकती है परेशानी –

कॉलेज में शिक्षक की कमी व तीन सत्र से नामांकन जीरो रहने पर नैक मूल्यांकन में परेशानी आ सकती है. विवि के एक अधिकारी ने कहा कि कॉलेज में प्रर्याप्त शिक्षकों के साथ नामांकित छात्रों का होना जरूरी होता है. इसी आधार पर कॉलेज को बढ़िया ग्रेडिंग मिलने में आसानी हो सकती है.

बोले प्राचार्य –

कॉलेज के प्राचार्य डॉ संजीव कुमार सिन्हा ने कहा कि तीन वर्षीय लॉ कोर्स के अंतिम सेमेस्टर की परीक्षा इसी साल होनी है. इस बाद से नये छात्रों का नामांकन नहीं होने से कोर्स बंद भी हो सकती है. हालांकि विवि प्रशासन व कॉलेज द्वारा प्रयास किया जा रहा है कि लॉ के नौ शिक्षकों के योगदान देते ही नये सत्र में नामांकन प्रक्रिया शुरू करने के लिए बार काउंसिल ऑफ इंडिया से अनुमति ली जायेगी. ताकि कोर्स बंद नहीं हो पाये.

Posted By: Thakur Shaktilochan

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