जिला स्तरीय युवा उत्सव में उमड़ा उत्साह: 250 से अधिक प्रतिभागियों ने दिखाया कला का जौहर
रंगमंच और नाटक में दिखी सामाजिक चेतना
– डीएम सावन कुमार सहित अन्य अतिथियों ने दीप प्रज्जवलित कर कार्यक्रम का किया शुभारंभ सुपौल. कला, संस्कृति एवं युवा विभाग पटना व जिला प्रशासन सुपौल के संयुक्त सौजन्य से शुक्रवार को टाउन हॉल में आयोजित जिला स्तरीय युवा उत्सव का शुभारंभ जिलाधिकारी सावन कुमार, एडीएम सचिदानंद सुमन, एसडीएम इंद्रवीर कुमार, नगर परिषद के मुख्य पार्षद राघवेंद्र झा राघव, अवर निर्वाचन पदाधिकारी कमलेश कुमार, ओएसडी विकास कुमार, डीपीओ महताब रहमानी ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया. उद्घाटन अवसर पर अधिकारी, स्थानीय जनप्रतिनिधि, अभिभावक एवं बड़ी संख्या में युवा मौजूद थे. हॉल में युवाओं का उत्साह, ऊर्जा और रचनात्मक प्रतिभा देखते ही बन रही थी. युवा उत्सव के तहत जिले के विभिन्न प्रखंडों से आए 250 से अधिक प्रतिभागियों ने अपनी-अपनी विधाओं में हिस्सा लेकर मंच पर अपनी प्रतिभा का जौहर दिखाया. इस अवसर पर कुल सात विधाओं एकल गायन, एकल नृत्य, समूह नृत्य, वाद्य संगीत, नाटक, चित्रकला व लोककला प्रस्तुति में प्रतियोगिताएं आयोजित की गयी. तालियों की गड़गड़ाहट से गूंजा हॉल कार्यक्रम की शुरुआत पारंपरिक तरीके से स्वागत गान के साथ हुई. मंच पर प्रतिभागियों ने जैसे ही अपनी प्रस्तुति शुरू की, पूरा हॉल तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा. कई प्रतिभागियों की अद्भुत प्रस्तुति देखकर दर्शक दीर्घा में बैठे लोग क्षणभर को दंग रह गए. किसी ने शास्त्रीय संगीत में अपनी पकड़ दिखाई, तो किसी ने लोकनृत्य की लय पर दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया. विशेषकर लोकनृत्य की प्रतियोगिता में किशोर व युवा प्रतिभागियों की टीमों ने मिथिला के पारंपरिक नृत्य रूपों को मंच पर सजीव कर दिया. रंग-बिरंगी पोशाकें, लयबद्ध कदम और लोकगीतों की मधुर ध्वनि ने हॉल का वातावरण सांस्कृतिक रंगों से भर दिया. डीएम ने किया प्रतिभाओं का उत्साहवर्धन उद्घाटन के बाद जिलाधिकारी सावन कुमार ने युवा कलाकारों की विविध प्रतिभाओं को सराहते हुए कहा कि युवा किसी भी समाज की सबसे बड़ी शक्ति होते हैं, और ऐसे कार्यक्रम उनकी छिपी हुई क्षमताओं को सामने लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. उन्होंने कहा कि प्रशासन का उद्देश्य है कि जिले के प्रतिभाशाली युवाओं को एक ऐसा मंच मिले, जहां वे अपने हुनर को निखार सकें और राज्य एवं राष्ट्रीय स्तर तक पहुंच सकें. डीएम ने यह भी कहा कि सुपौल के युवाओं में अपार संभावनाएं हैं और इसी कारण जिला प्रशासन द्वारा लगातार प्रयास किए जा रहे हैं कि कला, संस्कृति और खेल से जुड़े कार्यक्रम नियमित रूप से आयोजित होते रहें. रंगमंच और नाटक में दिखी सामाजिक चेतना युवा उत्सव के नाटक मंचन में प्रतिभागियों ने सामाजिक मुद्दों पर आधारित नाट्य प्रस्तुति देकर दर्शकों को सोचने पर मजबूर किया. किसी ने शिक्षा पर जोर दिया, तो किसी ने नशा-मुक्ति तथा महिला सशक्तिकरण जैसे विषयों को अपने नाटक का आधार बनाया. प्रस्तुति इतनी प्रभावशाली थी कि दर्शकों ने भरपूर तालियों और उत्साह के साथ कलाकारों का मनोबल बढ़ाया. चित्रकला में उभरकर आईं नई सोच की झलक चित्रकला और लोककला प्रतिस्पर्धा में भी युवाओं ने अपनी कल्पनाशक्ति को रंगों के माध्यम से अभिव्यक्त किया. पेंटिंग में मिथिला की प्राकृतिक सौंदर्यता से लेकर आधुनिक सामाजिक परिदृश्यों को भी चित्रित किया गया. जजों ने चित्रकला के स्तर को बेहद सराहनीय बताया और कई पेंटिंग्स को राज्य स्तर की प्रतियोगिता के लिए चयनित करने की बात कही. आयोजन समिति ने की बेहतर व्यवस्थाएं आयोजन समिति द्वारा प्रतिभागियों और दर्शकों के लिए सभी आवश्यक व्यवस्थाओं का विशेष ध्यान रखा गया था. मंच संचालन, समय-निर्धारण और विभिन्न प्रतियोगिताओं का प्रबंधन बेहद सुचारू रूप से किया गया. प्रतिभागियों को मंच पर व्यवस्थित ढंग से प्रस्तुति दिलाने में स्वयंसेवकों और सांस्कृतिक टीमों की भूमिका सराहनीय रही. विजेताओं को मिलेगा राज्य स्तर पर प्रतिनिधित्व जिला स्तर पर चयनित प्रतिभागियों को अब राज्य स्तरीय युवा उत्सव में भाग लेने का अवसर मिलेगा. जिला प्रशासन ने भरोसा दिलाया कि चयनित युवाओं को राज्य स्तर पर बेहतर प्रदर्शन करने के लिए आवश्यक सहयोग भी प्रदान किया जाएगा. अंत में धन्यवाद ज्ञापन सांस्कृतिक विभाग के पदाधिकारियों ने किया और सभी प्रतिभागियों को उज्ज्वल भविष्य की कामना की.
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