मानसिक स्वास्थ्य व नशामुक्ति पर कार्यशाला आयोजित कर दी जानकारी
कॉलेज के मीडिया सेल प्रभारी के अनुसार, छात्रों ने कार्यशाला में सक्रिय भागीदारी की और विशेषज्ञों से कई सवाल पूछे
सुपौल. सुपौल इंजीनियरिंग कॉलेज में छात्रों के लिए मानसिक स्वास्थ्य और नशीली दवाओं के खतरे जैसे गंभीर विषयों पर विशेष जागरूकता कार्यशाला का आयोजन किया गया. यह पहल बिहार सरकार के विज्ञान, प्रौद्योगिकी एवं तकनीकी शिक्षा विभाग और स्वास्थ्य विभाग के संयुक्त प्रयास का हिस्सा है, जिसके तहत राज्यभर के सरकारी इंजीनियरिंग और पॉलिटेक्निक संस्थानों में ऐसे कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं. कार्यक्रम में आमंत्रित न्यूरोसाइकियाट्रिस्ट और नशामुक्ति विशेषज्ञ डॉ सुहानी ने छात्रों के सामने आने वाली मानसिक चुनौतियों और मादक द्रव्यों के दुष्प्रभावों पर विस्तार से चर्चा की. उन्होंने व्यावहारिक उदाहरणों के साथ समझाया कि छात्र जीवन में तनाव, चिंता और दबाव से कैसे निपटा जा सकता है और नशीली दवाओं से दूरी बनाना क्यों आवश्यक है. इस अवसर पर कॉलेज के प्राचार्य डॉ एएन मिश्रा ने कार्यक्रम का नेतृत्व करते हुए कहा कि ऐसे आयोजन न केवल छात्रों के शैक्षणिक जीवन बल्कि उनके व्यक्तिगत विकास के लिए भी अत्यंत आवश्यक हैं. डीन अकादमिक डॉ चंदन कुमार ने कहा कि छात्रों का मानसिक स्वास्थ्य अत्यंत महत्वपूर्ण है. यह कार्यशाला उन्हें मानसिक स्वास्थ्य चुनौतियों और नशीली दवाओं के दुरुपयोग से निपटने के लिए आवश्यक उपकरण प्रदान करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है. कॉलेज के मीडिया सेल प्रभारी के अनुसार, छात्रों ने कार्यशाला में सक्रिय भागीदारी की और विशेषज्ञों से कई सवाल पूछे. डॉ सुहानी ने संकाय सदस्यों के साथ भी विशेष संवाद किया और संस्थान स्तर पर मानसिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के उपाय सुझाए.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है
