बाहुबली नेता शहाबुद्दीन के कब्र पर बनाया जा रहा था मकबरा, अवैध निर्माण बताकर रोका गया काम, छिड़ा विवाद

बिहार के बाहुबली नेता व सीवान के पूर्व सांसद रहे मोहम्मद शहाबुद्दीन से जुड़ा विवाद उनकी मौत के बाद भी नहीं थम रहा है. मौत के बाद शहाबुद्दीन को कहां दफनाया जाए इसे लेकर कुछ दिनों पहले बड़ा विवाद छिड़ा था. उनके परिजन और शुभचिंतक उन्हें पैतृक जिला सीवान में दफनाना चाहते थे लेकिन कोरोनाकाल में अनुमति नहीं मिलने के कारण मजबूरन दिल्ली के कब्रिस्तान में ही दफनाया गया था. वहीं अब उनके कब्र पर पक्के का निर्माण अब विवाद का विषय बन गया है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 5, 2021 12:18 PM

बिहार के बाहुबली नेता व सीवान के पूर्व सांसद रहे मोहम्मद शहाबुद्दीन से जुड़ा विवाद उनकी मौत के बाद भी नहीं थम रहा है. मौत के बाद शहाबुद्दीन को कहां दफनाया जाए इसे लेकर कुछ दिनों पहले बड़ा विवाद छिड़ा था. उनके परिजन और शुभचिंतक उन्हें पैतृक जिला सीवान में दफनाना चाहते थे लेकिन कोरोनाकाल में अनुमति नहीं मिलने के कारण मजबूरन दिल्ली के कब्रिस्तान में ही दफनाया गया था. वहीं अब उनके कब्र पर पक्के का निर्माण अब विवाद का विषय बन गया है.

दिल्ली गेट कब्रिस्तान में पिछले 3 मई को सीवान के पूर्व सांसद व बिहार के बाहुबली नेता शहाबुद्दीन को दफनाया गया. परिवारजन उन्हें बिहार में दफनाना चाहते थे, जिसे लेकर विवाद भी छिड़ा था. अनुमति नहीं मिलने पर शहाबुद्दीन के पार्थिव शरीर को दिल्ली गेट कब्रिस्तान में दफनाना पड़ा था. शहाबुद्दीन के बेटे ओसामा ने अपने पिता को मिट्टी दिया था.वहीं अब शहाबुद्दीन के कब्र पर पक्की निर्माण का काम शुरु हो जाने से नया विवाद खड़ा हो गया है.

दरअसल, शहाबुद्दीन के कब्र को पक्की चाहरदिवारी से घेरा गया है. साथ ही चारो कोने पर पीलर दिए गए है. पीलर के जरिये उपर छत देने की तैयारी की जा रही थी. वहीं ये खबर बाहर मीडिया के बीच आ जाने के बाद आग के तरह फैली. सोशल मीडिया पर लोगों ने इसे लेकर नाराजगी जाहिर करनी शुरू कर दी. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, कब्रिस्तान कमिटी ने इस काम को बीच में रुकवा दिया है.

Also Read: Darbhanga Airport News: दरभंगा एयरपोर्ट पर शुरू हुआ ‘प्राइस वॉर’, दस्तक देते ही IndiGo ने Spicejet को दी चुनौती, जानें किराया

कमेटी के सदस्यों ने कहा कि हमें जैसे ही इस बात की जानकारी मिली, फौरन उस काम को बीच में हमने रूकवा दिया. छत नहीं डालने को लेकर अंडरटेकिंग ली जा चुकी है. जितना काम हो चुका है उसे रखना है या नहीं रखना है उसका फैसला शहाबुद्दीन के बेटे के आने के बाद किया जाएगा.

कमेटी के सदस्यों ने बताया कि इसका कोइ लिखित परमिशन नहीं लिया गया था. उन्होंने बताया कि कोरोनाकाल के दौरान अभी यहां कर्मियों की तैनाती पहले की तरह अभी नहीं है. यह एरिया कोविड के शवों के लिए दिया गया है. वक्फ बोर्ड कब्रिस्तानों से जुड़े फैसले में अपना महत्वपुर्ण स्थान रखती है और बोर्ड ने ये तय किया हुआ है कि कब्रिस्तान में कोई भी पक्की कब्र नहीं बनेगी. इसलिए ऐसा कोई भी आदेश नहीं दिया जा सकता है.

कब्रिस्तान कमेटी के सदस्यों ने बताया कि शहाबुद्दीन के रिश्तेदारों को इस बात की जानकारी नहीं रही होगी. उनके रिश्तेदारों ने कहा कि हम खुद कोई विवादित काम करना नहीं चाहते हैं और आगे हमें क्या करना है ये कमेटी से अनुमति लेकर ही किया जाएगा. वहीं कमेटी के सदस्यों ने बताया कि यहां किसी भी तरह का झड़प या विवाद नहीं हुआ है. ये काम फिलहाल रोका गया है और इसपर मकबरे के तरह का ढांचा बनाने की अनुमति नहीं दी जाएगी.

POSTED BY: Thakur Shaktilochan

Next Article

Exit mobile version